ब¨ठडा के तीन शिक्षक स्टेट अवार्ड से सम्मानित
संस, ब¨ठडा राज्य के जिन 53 अध्यापकों को स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया है उनमें ब¨ठडा के
संस, ब¨ठडा
राज्य के जिन 53 अध्यापकों को स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया है उनमें ब¨ठडा के तीन टीचर भी शामिल हैं। इनमें परवीन शर्मा बुर्ज मानशाहिया सरकारी प्राइमरी स्कूल, सुखजीत ¨सह सरकारी स्कूल बालियांवाली व सीमा रानी सरकारी प्राइमरी स्कूल रामपुरा शामिल हैं।
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स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए करें कार्य
गांव बालियांवाली के रहने वाले सुखजीत ¨सह सरकारी सेकेंडरी स्कूल के पंजाबी के लेक्चरर है। इनके जीवन का मुख्य लक्ष्य विद्यार्थियों को उसकी रुचि के मुताबिक आगे पढ़ाना है। सुखजीत ¨सह ने रामनगर के स्कूल से शुरुआत की। जब वह स्कूल के इंचार्ज ¨प्रसिपल बने स्कूल में बच्चों की संख्या 276 थी। इसके बाद उन्होंने घर-घर जाकर लोगों से अपील की कि बच्चों को स्कूल में दाखिल करवाएं जिसके बाद इनके स्कूल की संख्या 434 हो गई। इसके बाद वह बालियांवाली स्कूल में कार्य करने लग गए। उनका मानना है कि हमे विद्यार्थियों को कभी भी पढ़ाई के लिए प्रेशर नहीं डालना चाहिए। बच्चा जिस विषय में रुचि रखता है उसको वही कार्य को चुनकर आगे पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह टीवी, रेडियो में काम कर चुके हैं। कॉलेज के टाइम में थिएटर करना बहुत पसंद था। फोटो- 57,58
कैलीग्राफी में बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों को पीछा छोड़ा
सरकारी प्राइमरी स्कूल की टीचर सीमा रानी 2006 से रामपुरा के प्राइमरी स्कूल में पढ़ा रही हैं। उनका स्कूल जिले का पहला स्मार्ट स्कूल है। स्कूल की खासियत यह है कि बच्चों ने पूरे जिले में सबसे ज्यादा प्राप्तियां की हैं। स्कूल के विद्यार्थी भाषण मुकाबले, गिद्दा, डांस, स्पोर्ट्स व कैलीग्राफी में शानदार उपलब्धि हासिल कर रहे हैं। सीमा रानी ने बताया कि उनके स्कूल के बच्चों ने अंग्रेजी कैलीग्राफी में बहुत सारी प्राप्तियां की हैं। वह खुद बच्चों को सभी मुकाबलों के लिए तैयार करवाती हैं। इसलिए उनकी सेवाओं को देखते हुए पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से स्टेट अवार्ड दिया गया।
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सरकारी प्राइमरी स्कूल बुर्ज मानशाहिया की प्रभारी प्रवीन शर्मा को प्रदेश स्तर पर शिक्षक अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। प्रवीन शर्मा के स्कूल का रिजल्ट पिछले पांच सालों से 90 फीसदी से ऊपर रहा है। इस साल उनके स्कूल का रिजल्ट 96 फीसदी रहा। कहने को तो यह सरकारी स्कूल है लेकिन सुविधाएं प्राइवेट स्कूल जैसी हैं। इस स्कूल में स्मार्ट क्लासेज लगती हैं और स्कूल के सभी छात्रों की वर्दी प्राइवेट स्कूलों की वर्दी को मात देती है। एससी छात्रों की वर्दी के लिए तो सरकार की ओर से फंड आ जाता है लेकिन जनरल वर्ग के छात्रों के लिए वे खुद फंड जेनरेट करती हैं। उनके लिए भी वर्दी का प्रबंध करती हैं। सभी छात्रों ने सर्दी में ब्लेजर पहने होते हैं। स्कूल को सिर्फ रंग रोगन ही नहीं करवाया बल्कि शिक्षा का स्तर भी ऊंचा उठाया है। इस लिए ही इस अवार्ड के लिए उनका चयन किया गया।