पेडा ने शहर में चार सोलर प्लांटों के लिए जारी किया टेंडर
पंजाब एनर्जी डवलपमेंट एजेंसी (पेडा) ने टेंडर जारी कर दिया है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : नगर निगम की ओर से अपनी बिजली पैदा करने के उद्देश्य को लेकर शहर में चार स्थानों पर सौर उर्जा प्लांट लगाने की योजना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पंजाब एनर्जी डवलपमेंट एजेंसी (पेडा) ने टेंडर जारी कर दिया है। यह टेंडर 26 जुलाई को खोला जाएगा। राज्य में निगमों की ओर से पहले यह सोलर प्लांट अपने स्तर पर लगवाने थे, लेकिन अब यह प्लांट सभी जगह पेडा की ओर से लगवाकर दिए जाएंगे। हालांकि निगम की पहले शहर के छह स्थानों पर एक साथ ही 5.867 मेगावट के सोलर प्लांट स्थापित करने की योजना थी, परंतु फिलहाल प्रथम पड़ाव में चार स्थानों पर 2.1 मेगावाट के प्लांट लगाए जाएंगे। यह प्लांट नगर निगम कार्यालय की छत पर, मानसा रोड पर स्थित ग्रोथ सेंटर में वाटर वर्क्स की डिग्गियों के निकट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के नजदीक स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा जॉगर पार्क पर लगाए जाएंगे। इन चारों प्रोजेक्ट पर करीब 10.15 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। निगम इसके लिए बैंक से लोन लेगा। निगम ने नौ माह पहले
बनाई थी प्लांट की योजना नगर निगम बिजली पर प्रत्येक वर्ष करीब 15 करोड़ रुपये बिल के रूप में पावरकॉम को दे रहा है। इसमें शहर की स्ट्रीट लाइट्स के अलावा वाटर वर्क्स की मोटरों, पानी की निकासी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट्स व पार्कों की मोटरों तथा निगम कार्यालय में सर्वाधिक बिजली का उपयोग हो रहा है। निगम ने अक्टूबर माह में 80 फीसद बिजली अपने सौर उर्जा प्लांट्स से पैदा करने की योजना बनाई थी, ताकि आर्थिक तंगी से जूझ रही यह संस्था बिजली बिलों की भारी भरकम खर्चों में बचत कर सके। इस योजना के तहत ही अब एक बार प्रथम पड़ाव में निगम कार्यालय, जॉगर पार्क, ग्रोथ सेंटर और ट्रीटमेंट प्लांट यह सोलर प्लांट लगाने की तैयारी है। निगम की ओर से सोलर प्लांट लगने की अपनी प्रोपोजल स्थानीय निकाय विभाग के चीफ इंजीनियर को भेजी गई थी, परंतु निकाय विभाग ने इसे आगे पेडा को भेज दिया था। पहले लोकसभा चुनाव और फिर राज्य में निकाय चुनाव व उपचुनाव की आचार संहिता के चलते पेडा इसके टेंडर नहीं लगा सका था। चार प्लांटों से होगी 2.5 करोड़ की वार्षिक बचत
इस योजना के अंजाम तक पहुंचने से इन चारों सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली से नगर निगम को प्रत्येक वर्ष 2.5 करोड़ रुपये की बचत होगी। निगम के अपने अनुमान के अनुसार इन प्रोजेक्ट पर खर्च की गई राशि करीब साढ़े चार साल में रिक्वर हो जाएगी। जबकि सोलर प्लांट की लाइफ 25 साल होती है। गौरतलब है कि बिजली खर्च में बचत करने के उद्देश्य को लेकर ही निगम की ओर से शहर की परंपरागत स्ट्रीट लाइट्स एलईडी में तब्दील किया जा रहा है। एलईडी लगने से भी निगम को बिजली बिल में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की वार्षिक बचत होगी। स्ट्रीट लाइट पर निगम इस समय करीब साढ़े छह करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।