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सीरो सर्वे.. जिले के 50 फीसद बच्चे हुए कोरोना संक्रमित

कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को लेकर सभी लोग डरे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 05:50 AM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 05:50 AM (IST)
सीरो सर्वे.. जिले के 50 फीसद बच्चे हुए कोरोना संक्रमित
सीरो सर्वे.. जिले के 50 फीसद बच्चे हुए कोरोना संक्रमित

जागरण संवाददाता, बठिडा: कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर को लेकर सभी लोग डरे हुए हैं। खासकर माता-पिता में कोरोना की तीसरी लहर का डर ज्यादा है, क्योंकि सेहत विभाग के कई एक्सप‌र्ट्स ने आशंका जताई है कि तीसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना वायरस से प्रभावित हो सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ सेहत विभाग की तरफ जुलाई माह में दो साल से लेकर 17 साल तक बच्चों में करवाए गए सीरो सर्वे में सामने आया है कि बठिडा जिले के रहने वाले 50 फीसद बच्चों में एंटीबॉडी मौजूद हैं।

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इसका मतलब 50 फीसद बच्चे कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं देने के कारण वह अपने आप ठीक भी हो चुके हैं। विभाग की तरफ से यह सीरो सर्वे अर्बन और रूरल एरिया में मेल और फीमेल कैटेगिरी में किया गया था। इसमें ग्रामीण एरिया के मेल बच्चों में सबसे ज्यादा एंटी बाडी मिले हैं। इसके हिसाब से रूरल एरिया के बच्चे कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से वह खुद भी कोरोना संक्रमित हुए हैं।

सेहत विभाग की रिपोर्ट अनुसार सीरो सर्वे जिले के 92 बच्चों में किया गया। इसमें 36 बालक और 36 बालिकाओं को शामिल किया गया था। सिविल अस्पताल बठिडा की तरफ से कुल 34 बच्चों के अर्बन और रूरल एरिया सैंपल लिए गए थे। इसी तरह तलवंडी साबो में 32 बच्चों के सैंपल लिए गए, जबकि रामपुरा फूल में कुल 26 सैंपल लिए गए। इनमें 12 अर्बन और 14 रूरल एरिया के बच्चे शामिल थे। इस सर्वे में मुख्य तौर पर पाया गया कि जिले के 50 फीसद बच्चों की आबादी पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी है। सेहत विभाग की रिपोर्ट अनुसार 92 सैंपलों में 46 बच्चों में कोरोना के एंटी बाडी मिले हैं। इसके अनुसार 22 बच्चे अर्बन (शहरी क्षेत्र) और 24 बच्चे रूरल (ग्रामीण एरिया) के बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। बच्चों का खास ध्यान रखें माता-पिता

बिना वैक्सीन के एंटीबाडी बनने से क्लियर है कि बच्चे संक्रमित के संपर्क में आए थे। ऐसे बच्चों के माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोविड होने पर उनकी भी हालत खराब हो सकती है। इसलिए बच्चों को ज्यादा बाहर न लेकर जाएं। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बच्चे संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं और उन्हें कोई गंभीर समस्या नहीं आई। स्पष्ट है कि अगर बच्चों को कोविड से जुड़ी कोई समस्या नहीं हुई, तो उनमें एक साल से कोविड की एंटीबाडी बन रही थी। एंटीबाडी विकसित होना कोविड के खिलाफ लड़ाई में अहम: डा. गुप्ता

सिविल अस्पताल बठिडा के बच्चों के रोग विशेषज्ञ डा. रविकांत गुप्ता का कहना है कि शरीर में एंटीबाडी का विकसित होना कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बेहद अहम है। यह या तो वैक्सीनेशन से हो सकता है या किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने के बाद बनता है। एंटीबाडी संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह शरीर को दोबारा संक्रमित होने से भी बचाता है। एंटीबाडी प्रोटीन होते हैं, जो शरीर में संक्रमण होने या वैक्सीन लगने के तुरंत बाद इम्यून सिस्टम द्वारा बनाए जाते हैं।


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