राइजिग मेन और एसएंडएस टैंक को लेकर निगम और त्रिवेणी कंपनी में फंसा पेंच
महानगर के बरसाती पानी की निकासी के लिए चार वर्षों से अधर में लटके पड़े 1200 एमएम राइजिग मेन के कार्य और ग्रोथ सेंटर में नए बनाए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एसएंडएस (सेडीमेंटेशन एंड स्टोरेज) टैंक का निर्माण करने को मिट्टी फेंकने के लिए जगह को लेकर नगर निगम और त्रिवेणी इंजीनियरिग एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों के बीच पेंच फंस गया है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : महानगर के बरसाती पानी की निकासी के लिए चार वर्षों से अधर में लटके पड़े 1200 एमएम राइजिग मेन के कार्य और ग्रोथ सेंटर में नए बनाए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एसएंडएस (सेडीमेंटेशन एंड स्टोरेज) टैंक का निर्माण करने को मिट्टी फेंकने के लिए जगह को लेकर नगर निगम और त्रिवेणी इंजीनियरिग एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों के बीच पेंच फंस गया है। इन मुद्दों समेत कई अन्य मसलों को लेकर नगर निगम और त्रिवेणी कंपनी के अधिकारियों के बीच हुई यह बैठक लगातार लगभग डेढ़ घंटा चलने के बावजूद बेनतीजा रही।
नगर निगम के कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल की ओर से बुलाई गई इस बैठक में निगम के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर किशोर बांसल सहित अन्य अधिकारियों के अलावा त्रिवेणी के डिप्टी जनरल मैनेजर वीबी शिवांगी और कंपनी के अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में निगम कमिश्नर ने त्रिवेणी कंपनी के अधिकारियों से कहा कि ग्रोथ सेंटर में निर्माण किए गए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए वे एसएंडएस टैंक का तुरंत निर्माण भी शुरू करें। इससे निकलने वाली मिट्टी को पास में ही स्थित झीलों के निकट जगह पर डाल दें। इसी तरह 1200 एमएम राइजिग मेन का निर्माण भी शुरू कर दें। इसका काम शुरू करने के लिए 250 मीटर का फ्रंट उपलब्ध है। इस पर त्रिवेणी कंपनी के डीजीएम वीबी शिवांगी ने कहा कि एसएंडएस टैंक के निर्माण को मिट्टी फेंकने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए, बताई जा रही जगह नाकाफी है। टैंक निर्माण को खुदाई करने पर 75 हजार क्यूबिक मीटर मिट्टी निकलनी है। इसके लिए उन्हें लिखित में पर्याप्त जगह चाहिए।
खेता सिंह बस्ती में कार्य के दौरान उन्होंने ऐसे ही मिट्टी फेंक दी थी, जिस पर संबंधित जगह के मालिक ने उन पर केस दायर कर दिया है। इसी तरह ही राइजिग मेन के निर्माण के लिए कम से कम ढाई किलोमीटर का फ्रंट उपलब्ध करवाएं। महज 250 मीटर में 25 दिन में ही काम खत्म हो जाएगा। महज 250 मीटर के फ्रंट से और एसएंडएस टैंक के लिए पर्याप्त मिट्टी फेंकने की जगह के बिना काम शुरू नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही त्रिवेणी कंपनी ने अपनी करीब तीन करोड़ रुपये के बकाया बिलों की भी अदायगी करने की मांग कर डाली है। उन्होंने कहा कि ओएंडएम (ऑपरेशन एंड मेंटीनेंस) के 1.6 करोड़, प्राइस एस्केलेशन के 90 लाख रूपये तथा ईपीसी (इंजीनियरिग प्रक्योरमेंट कंस्ट्रक्शन) के भी 90 लाख रूपये पिछले लंबे समय से बकाया खड़े हैं। बार-बार पत्र और रिमाइंडर भेजने के बावजूद भुगतान नहीं हो रहा है। बैठक में पेमेंट के मुद्दे पर भी काफी बहस हुई, लेकिन नतीजा कोई नहीं निकला। अंतत: डेढ़ घंटा चली यह बैठक बिना किसी परिणाम के खत्म हो गई। चार साल पहले शुरू हुआ था राइजिग मेन का निर्माण
बता दें कि नगर निगम और त्रिवेणी कंपनी के बीच वर्ष 2015 में शहर को 100 फीसद सीवरेज व पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 288 करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट हुआ था। इस दौरान ही शहर के बरसाती और सीवरेज के पानी की निकासी के लिए 1200 एमएम राइजिग मेन के निर्माण का काम शुरू हुआ था। यह साढ़े 12 किलोमीटर लंबी बननी है। लेकिन इलाके के किसानों के साथ बार-बार जमीनी विवाद पैदा हो जाने के कारण चार वर्षों में अभी तक महज 4.8 किमी ही बन पाई है। इसी विवाद के चलते अब पिछले करीब एक साल से काम रुका पड़ा है। नए डबल्यूटीपी के लिए एसएंडएस टैंक की जरूरत
मानसा व डबवाली रोड के अलावा रेलवे लाइन पार के कुछ एरिया में सुचारू वाटर सप्लाई के लिए ग्रोथ सेंटर में 2.19 करोड़ की लागत से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) का निर्माण पिछले दिनों मुकम्मल हुआ है। लेकिन इसके लिए पानी स्टोर करने को एसएंडएस टैंक की जरूरत है। हालांकि छह करोड़ रूपये की लागत से दो एसएंडएस टैंक तथा 2.5 करोड़ रूपये से ओएचएसआर (ओवर हेड स्टोरेज रिसर्वायर) डब्ल्यूटीपी के साथ ही बनने थे। लेकिन टैंकों के निर्माण को मिट्टी फेंकने के लिए जगह उपलब्ध न करवा पाने के कारण चार सालों में यह दोनों निर्माण नहीं हो सके। फ्रंट, जगह और बकाया पेमेंट का भुगतान करे निगम
त्रिवेणी कंपनी राइजिग मेन और एसएंडएस टैंक का निर्माण करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। लेकिन नगर निगम उन्हें राइजिग मेन का निर्माण शुरू करने के लिए कम से कम ढाई किलोमीटर का फ्रंट और एसएंडएस टैंक के लिए मिट्टी फेंकने को लिखित में पर्याप्त जगह उपलब्ध करवाए। इसके अलावा उनकी बकाया करीब तीन करोड़ रूपये की पेमैंट का भी भुगतान करें। बकाया पेमेंट, फ्रंट और मिट्टी फेंकने के लिए जगह के बिना कंपनी काम शुरू नहीं करेगी।
- वीबी शिवांगी, डीजीएम त्रिवेणी इंजीनियिरंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड।