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लापरवाही का प्रमाण: बाथरूम में फिटनेस उपकरणों की हालत खराब

बॉडी की फिटनेस के लिए काफी लोग फिटनेस सेंटर्स में जाते हैं। कई लोग ऐसे भी होंगे, जिन्होंने समय के अभाव के चलते फिटनेस उपकरण अपने घरों में ही लगवा रखे होंगे। हम आपको जिस फिटनेस सेंटर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 03:04 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 03:04 AM (IST)
लापरवाही का प्रमाण: बाथरूम में फिटनेस उपकरणों की हालत खराब

राजन कैंथ, ब¨ठडा

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बॉडी की फिटनेस के लिए काफी लोग फिटनेस सेंटर्स में जाते हैं। कई लोग ऐसे भी होंगे, जिन्होंने समय के अभाव के चलते फिटनेस उपकरण अपने घरों में ही लगवा रखे होंगे। हम आपको जिस फिटनेस सेंटर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप दंग रह जाएंगे।

यह सेंटर भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एंप्लायमेंट के एंप्लाइज प्रोविडेंट फंड आर्गेनाइजेशन के रीजनल ऑफिस ब¨ठडा के बाथरूम में है। करीब डेढ़ साल पहले लाखों रुपये खर्च करके रीजनल आफिस के लिए 8 फिटनेस उपकरण खरीदे गए थे, मगर बाथरूम में पड़े रहने के कारण ज्यादातर को जंग लग गया और कई एक टूट भी गए। कइयों के मीटरों में पानी भर गया था। नवंबर 2017 में विभाग ने एक निजी कंपनी से उन उपकरणों की मरम्मत तो करवा ली। मगर ठीक कराने के बाद उन्हें सड़ने के लिए फिर से बाथरूम में ही रख दिया गया। दैनिक जागरण टीम ने जब वीरवार दोपहर वहां का जायजा लिया तो वो उपकरण बाथरूम में ही पड़े मिले। उन्हें इस हालत में रखा गया था कि उन्हें वहां से बाहर निकालने वाले की ही अच्छी खासी कसरत हो जाए।

सुलगते सवाल ..

अब सवाल यह खड़ा होता है कि सरकारी ऑफिस में लाखों रुपये के वो उपकरण किस मकसद से खरीदे गए। तय है कि सुबह 9 से शाम पांच बजे तक काम करने वाले सरकारी आफिसर फॉर्मल ड्रेस में वहां उन उपकरणों के साथ एक्सरसाइज तो करते नहीं होंगे। क्योंकि ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल करने के लिए एक खास खुली जगह के साथ-साथ किसी एक्सपर्ट ट्रेनर का होना बेहद जरूरी है। उनके बाथरूम में पड़ा होना ही साफ करता है कि उनका कभी इस्तेमाल ही नहीं किया गया होगा। इससे साफ जाहिर होता है कि उपकरणों की खरीद का फर्जीवाड़ा करके विभाग को लाखों का चूना लगाया गया है। सूत्रों ने बताया कि विभाग की आंख में धूल झोंकने के लिए रीजनल आफिस में तैनात एक कर्मचारी को ही दस्तावेजों में ट्रेनर दिखाया गया है।

कोट्स

बात करने पर ईपीएफ के रीजनल कमिश्नर सुभाष चंद शर्मा ने यह तो मान लिया कि विभाग ने वो उपकरण वेलफेयर फंड से खरीदे थे, जिन्हें ऑफिस के एक रूम को जिम की शेप देकर रखा गया था। उस रूम में आफिस के नये स्टाफ के शिफ्ट होने के चलते उन उपकरणों को बाथरूम में रख दिया गया, मगर वो यह नहीं बता सके कि उन्हें खरीदा किस मकसद से गया था। उन्होंने कहा कि विभाग उन्हें निकालने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है।


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