टिकट काटने वाली मशीन में हेराफेरी, 22 कर्मियों को निकाला, दिया धरना
विरोध में पीआरटीसी वर्कर यूनियन ने मंगलवार दोपहर को बठिडा के बस स्टैंड के बाहर सड़क जाम कर धरना दिया।
जागरण संवाददाता, बठिडा : पीआरटीसी के 22 ठेका मुलाजिमों को नौकरी से निकालने के अलावा अन्य आदेश जारी करने के विरोध में पीआरटीसी वर्कर यूनियन ने मंगलवार दोपहर को बठिडा के बस स्टैंड के बाहर सड़क जाम कर धरना दिया। इस दौरान पीआरटीसी वर्करों ने मेन रोड को सभी तरफ से बसों को सड़क पर खड़ा करके बंद कर दिया। इस कारण शहर के बस स्टैंड से होकर गुजरने वाला ट्रैफिक प्रभावित हुआ। जबकि बसों को शहर में जगह-जगह पर रोक दिया गया। यहां तक कि बस स्टैंड के अंदर व बाहर कोई भी बस न जा पाने के कारण बसों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई। जबकि एक घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इस कारण सबसे ज्यादा परेशानी तो बुजुर्ग लोगों को हुई, जिनको बस स्टैंड से काफी दूर बसें रुकने के कारण पैदल चलकर आना पड़ा। वहीं बस स्टैंड से कोई भी बस न निकल पाने के कारण सरकारी व प्राइवेट बसों के 50 के करीब रूट प्रभावित हुए।
इसके अलावा कई लोग बसों के इंतजार में बाहर ही खड़े रहे, जो एक दूसरे से यही पूछते रहे कि अभी बस जाएगी या नहीं। लेकिन पीआरटीसी के वर्कर अपनी मांगों को पूरा करवाने की बात पर अड़े रहे। इसके चलते पीआरटीसी वर्करों की जीएम बठिडा के साथ हुई मीटिग में मिले आश्वासन पर धरने को समाप्त किया। दूसरी तरफ बठिडा बस स्टैंड के अंदर खड़ी बसों में बैठे यात्री बसों के चलने का इंतजार करते रहे। वहीं शहर का सारा ट्रैफिक पावर हाउस रोड के अलावा सिविल लाइन एरिया से डायवर्ट किया गया। इस दौरान मुलाजिमों ने आरोप लगाया कि पीआरटीसी बठिडा डिपो के अधिकारियों ने उनके साथ बिना बातचीत किए मुलाजिमों को नौकरी से निकाल दिया गया, जिस कारण उनको धरना लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जबकि मुलाजिमों ने बठिडा डिपो के अधिकारियों से लिखित तौर पर लेने के बाद धरना समाप्त किया। इस कारण लगाया धरना
बठिडा डिपो के अधिकारियों ने कई मुलाजिमों की ड्यूटियों में तबदीली कर दी। वहीं किलोमीटर स्कीम में चलने वाली बसों को बड़े रूटों से हटाकर छोटे रूटों पर लगा दिया। इसके अलावा 22 ठेका मुलाजिमों को टिकट काटने वाली मशीनों में हेराफेरी करने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया। इसके साथ ही बसों में डीजल ज्यादा लगने का खर्च ड्राइवर पर डालने तो बसों का एक्सीडेंट होने के बाद हुए नुकसान की भरपाई भी ड्राइवर से करने को लेकर प्रदर्शन किया। इसके चलते मुलाजिमों ने पहले वर्कशॉप के गेट पर धरना दिया, लेकिन वहां पर किसी ने उनकी बात नहीं सुनी, जिसके विरोध में बस स्टैंड पर जाम लगाया गया। जीएम और सुपरिंटेंडेंट ने सुलझाया मामला
वहीं मामला भड़कने के बाद पीआरटीसी के जीएम प्रवीण कुमार व सुपरिंटेंडेंट सीता राम की ओर से वर्करों से बात की गई। जिस दौरान भरोसा दिया कि जिन मुलाजिमों को नौकरी से निकाला है, उनके द्वारा मशीनों में की गई गड़बड़ी की जांच की जाएगी, अगर कर्मचारी बेकसूर निकले तो उनको नौकरी पर बहाल कर दिया जाएगा। इसी प्रकार जिन मुलाजिमों की ड्यूटी में तब्दीली की थी उनको वापस ड्यूटी पर लगाया तो किलोमीटर स्कीम वाली बसों को फिर से पहले वाले रूट पर चलाने का आदेश दिया।
यूनियन ने मैनेजमेंट
पर लगाए आरोप
बठिडा के बस स्टैंड के बाहर धरना देने से पहले पीआरटीसी वर्कर यूनियन की ओर से बठिडा डिपो के वर्कशॉप गेट पर रैली की गई थी। काफी देर तक चली रैली में जब पीआरटीसी की मैनेजमेंट ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो रोष में आए वर्करों ने दोपहर डेढ़ बजे बस स्टैंड को ही जाम कर दिया। इस दौरान यूनियन के प्रधान प्रीतम सिंह ने पीआरटीसी के अधिकारियों पर वर्करों से धक्केशाही करने के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि कई बार बस का रास्ता बदल जाने के कारण रूट भी बदलना पड़ता है तो डीजल ज्यादा लग जाता है, लेकिन इसका खर्च ड्राइवर पर डाल दिया जाता है। इसके अलावा एक्सीडेंट के समय भी ड्राइवर कर की गलती निकाल कर उससे ही खर्च लिया जाता है। इसमें उन्होंने सुधार की मांग की। इसको लेकर जीएम बठिडा डिपो ने यूनियन को भरोसा दिया कि मुलाजिमों की मांगों को लेकर हेड ऑफिस को लिखकर भेजा जाएगा, जिसके आधार पर ही यह सारा मसला हल होगा।