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बेरीकेड्स हटा वित्तमंत्री के दफ्तर निकट पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़ा

वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पंचायत भवन स्थित कार्यालय के नजदीक पहुंच गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 06:18 PM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 06:36 AM (IST)
बेरीकेड्स हटा वित्तमंत्री के दफ्तर निकट पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़ा
बेरीकेड्स हटा वित्तमंत्री के दफ्तर निकट पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़ा

जागरण संवाददाता, बठिडा : रोपड़ जेल में बंद बेरोजगार बीएड अध्यापकों की रिहाई और रोजगार की मांग को लेकर टेट पास बीएड बेरोजगार शिक्षक रविवार की दोपहर को प्रदर्शन करते हुए पुलिस के लचर प्रबंधों के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पंचायत भवन स्थित कार्यालय के नजदीक पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मात्र दो पुलिसकर्मी ही मौजूद थे। उनका कहना न मानकर प्रदर्शनकारी जबरन करीब डेढ सौ मीटर की दूरी पर लगाए बेरिकेड्स को हटाते हुए दफ्तर से महज 50 गज की दूरी पर पहुंच गए। यहां पर पुलिसकर्मियों की ओर से बार-बार मिन्नतें करने पर प्रदर्शनकारी उनका कहना मानते हुए वहीं पर धरने पर बैठ गए और राज्य सरकार, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह, शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिगला, वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। गनीमत रही कि प्रदर्शनकारियों की संख्या भी मात्र सौ के करीब थी और दूसरा उन्होंने पुलिस कर्मियों की बात भी मान ली। अन्यथा वे चाहते तो वित्तमंत्री के दफ्तर में भी घुस सकते थे। जैसे ही बेरिकेड्स हटाकर आगे बढ़ने की सूचना डीएसपी गुरजीत सिंह रोमाणा को मिली तो वह तुरंत आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को साथ लेकर मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठे हुए प्रदर्शनकारियोंको जबरन वहां से उठाकर उन्हें खदेड़ा। सीआईडी फेल, सुरक्षा को रोकने

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को महज दो पुलिस कर्मी

जिला प्रधान युद्धजीत सिंह की अगुवाई में करीब 12 बजे प्रदर्शनकारी रोष मार्च करते हुए वित्तमत्री के दफ्तर की ओर बढ़े। करीब साढ़े बारह बजे वह वित्तमंत्री के दफ्तर से डेढ़ सौ गज दूरी पर लगाए बेरिकेड्स पर पहुंच गए। जहां पर मात्र दो पुलिस कर्मी ही मौजूद थे। उन्होंने उन्हें वहां रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं रुके और बेरिकेड्स हटाकर आगे निकल गए। इस दौरान दो पुलिस कर्मी और आ गए। वे भी उनको रुकने के लिए मिन्नतें करते रहे, लेकिन वह नहीं रुके। महज 50 गज की दूरी पर पहुंचने पर आखिर वे पुलिस कर्मियों की बात मानते हुए वहां धरने पर बैठ गए। इस दौरान ही डीएसपी गुरजीत सिंह रोमाणा वहां पहुंच गए। उन्होंने उन्हें बेरिकेड्स से बाहर जाने को कहा, लेकिन वे नहीं माने। इस पर डीएसपी ने धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को जबरन उठाकर धक्के मारते हुए वहां से खदेड़ना शुरू कर दिया और उन्हें बेरिकेड्स से बाहर निकालकर ही दम लिया। पुलिस कर्मी इस बदइंतजामी के लिए सीआईडी को जिम्मेदार बता रहे हैं। 15 सितंबर को संगरूर

में करेंगे राज्य स्तरीय प्रदर्शन

यहां पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर धक्कामुक्की करने का आरोप लगाते हुए पुलिस के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। उन्होंने बिना महिला पुलिस कर्मियों के शिक्षिकाओं को भी धक्के मारने का आरोप लगाया। जिला प्रधान ने कहा कि बीती पांच सितंबर को खरड़ में अध्यापकों की भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए टंकी पर चढ़ी बेरोजगार शिक्षिक पूनम रानी सहित करीब एक दर्जन साथियों को पुलिस ने उन पर केस दर्ज करके रोपड़ जेल भेज दिया है। घर-घर नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार की यह बेहद शर्मनाक कार्रवाई है। सुखविदर ढिलवां ने कहा कि 11 अगस्त को शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला ने संगरूर में बेरोजगार अध्यापकों से 7 सितंबर तक उनकी मांगों का हल निकालने का भरोसा दिया था। लेकिन कुछ नहीं किया। जिसके चलते आज संगरूर में पक्का मोर्चा लगाया जा रहा है। 10 सितंबर तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 15 सितंबर को विभिन्न संगठनों को साथ लेकर संगरूर में रोष मार्च निकाला जाएगा।


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