कहीं निकाल रहे बारिश का पानी, कहीं भीगा रिकॉर्ड
बठिडा में हुई मूसलधार बारिश के दो दिनों के बाद भी शहर के हालात ठीक नहीं हो पाए हैं।
जागरण संवाददाता, बठिडा : बठिडा में हुई मूसलधार बारिश के दो दिनों के बाद भी शहर के हालात ठीक नहीं हो पाए हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी तो स्कूल जाने वाले बच्चों को हो रही है। इस समय शहर के आंगनबाड़ी सेंटरों के अंदर व बाहर इतना ज्यादा पानी जमा हो गया है कि बच्चों के लिए बैठना तो दूर बारिश के पानी से भीगे रिकॉर्ड को संभालने की भी जगह नहीं मिल रही है। यहां तक कि आंगनबाड़ी वर्कर अपने लेवल पर ही इनकी सफाई कर रही हैं। जबकि सेंटर तक जाने के लिए बच्चों को पूरी तरह से बारिश के पानी से गुजर कर जाना पड़ता है। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत तो उस समय होती है, जब सेंटर को जाने वाला रास्ता कच्चा बना हो। इसके अलावा कई आंगनबाड़ी सेंटरों की छतों में दरारे आने से सीमेंट की पपड़ियां भी नीचे गिर रही हैं, जिसके डर से बच्चों को यहां पर बिठाया ही नहीं जाता। कुल मिलाकर बारिश के पानी की निकासी न होने कारण बच्चों को परेशानी हो रही है।
इस संबंध में जब दैनिक जागरण की टीम ने वीरवार को आंगनबाड़ी सेंटरों का दौरा किया तो हैरानीजनक हालात देखने को मिले। इसमें कई सेंटर तो ऐसे थे जहां पर बच्चों को पढ़ाने की बजाए आंगनबाड़ी वर्कर पानी निकाल रही थीं तो कहीं पर बच्चों को बचाने के लिए कच्चे में क्लासें लगाई जा रही थी। बठिडा की धोबियाना बस्ती के आंगनबाड़ी सेंटर से तो बेशक पानी निकाल दिया गया, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए कच्चे रास्ते पर जमा हुए गंदे पानी व कीचड़ के बीच से गुजरना पड़ता है। इस कारण इन दिनों यहां पर बच्चों की गिनती भी कम दिखाई दी। इसी प्रकार संगुआना बस्ती की गली नंबर 1 में बने आंगनबाड़ी सेंटर की हालत और भी ज्यादा खस्ता थी, यहां पर आंगनबाड़ी वर्कर बच्चों को पढ़ाने की बजाए पानी निकाल रही थीं। यहीं नहीं इस सेंटर में पानी जमा होने से यहां पर किताबें व रिकार्ड भी भीग गया, जिसको दूसरे कमरों में सूखाने के लिए रखा गया। जबकि इस कारण यहां पर पानी जमा होने से आसपास के घरों में दरारें भी आ गई।
इसके अलावा हंस नगर की गली नंबर 1 में चल रहे आंगनबाड़ी सेंटर की तो ही बारिश के पानी के कारण छत ही टूटने लगी। यहां पर छत से सीमेंट के टुकड़े गिर रहे थे। इस डर से बच्चों को यहां पर पढ़ाने की बजाए बाहर कच्ची जगह पर पढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसी प्रकार बंगी नगर के आंगनबाड़ी सेंटर के बाहर तो पानी इतनी ज्यादा मात्रा में खड़ा है कि यहां पर बच्चों का पहुंचना तो दूर आंगनबाड़ी वर्करों का पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। वहीं कुछ सेंटरों में बारिश के पानी के कारण रिकॉर्ड व राशन भी खराब होने लग गया है। जिसको लेकर आंगनबाड़ी वर्करों ने सरकार से मांग की है कि शहर में 200 के करीब आंगनवाड़ी सेंटर हैं, जिनकी हालत को देखते हुए सरकार को चाहिए कि वह बच्चों को पढ़ाने के लिए पक्की इमारतें व पुख्ता प्रबंध करें।