आरओ के पानी के बढ़े दाम, लोग हो रहे परेशान
गोनियाना में आरओ के पानी के रेट बढ़ने के कारण लोगों में गुस्से की लहर हैं।
संस, गोनियाना मंडी : गोनियाना में आरओ के पानी के रेट बढ़ने के कारण लोगों में गुस्से की लहर हैं। जानकारी देते हुए मनु गोयल, निदी, गुरदेव सिंह दाऊ ने बताया कि हेल्थ प्वाइंट सर्विसेज लिमिटेड ने कई वर्ष पहले पंजाब के कई शहरों और गांवों में साफ पानी सुविधा देने के लिए आरओ सिस्टम लगाए थे। इसी के तहत गोनियाना मंडी के नवी बस्ती में एक आरओ सिस्टम लगाया गया था। इससे लोग 20 लीटर पानी प्रति दिन का रेट 70 रुपये प्रति महीना अदा करते थे। परंतु पिछले तकरीबन डेढ़ वर्ष से बिना बताए यह रेट बढ़ाकर 120 रुपये प्रति महीना वसूला जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमने नगर कौंसिल के प्रधान को भी आरओ प्लांट कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। इस कारण आरओ सिस्टम वाले अपनी मनमानी के रेट लोगों से वसूल रहे हैं। शहरवासियों ने आरओ सिस्टम पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाकी शहरों और मंडियों में 20 लीटर पानी का 70 प्रति महीना वसूला जा रहा है उन्होंने किसी अन्य जिले से संबंधित एक सरकारी ऑर्डर की कॉपी दिखाई जिसमें और 2.25 रुपये प्रति 20 लीटर के कैन के हिसाब से पानी का रेट निर्धारित किया गया है परंतु मंडी निवासियों से 120 प्रति महीना वसूला जा रहा है उन्होंने मांग की है कि बढ़े हुए दाम को जल्द वापस लिया जाए। लोगों ने आरओ प्लांट के आगे जाकर अपना रोष जाहिर किया। इस मौके नवी बस्ती के कई निवासी उपस्थित थे।
आरओ सिस्टम वालों से मांगा है जवाब: प्रधान अरोड़ा
नगर कौंसिल के प्रधान प्रेम कुमार अरोड़ा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उनके पास लोगों की आरओ प्लांट कंपनी के खिलाफ एक शिकायत मिली है। इसके आधार पर आरओ सिस्टम वालों से एक नोटिस भेजकर इसका जवाब मांगा है।
बढ़े रेट की कॉपी नगर कौंसिल को दी गई है : मैनेजर सुनील
इस बारे में हेल्थ प्वाइंट के मैनेजर सुनील कुमार गिरधर से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि हमने इन बढ़े हुए रेट की एक कॉपी नगर कौंसिल को दी है और हमें नगर कौंसिल ने यह आश्वासन दिलाया था कि हम प्रस्ताव पास कर इस बढ़े रेटों को पास कराएंगे। जब उनसे पूछा गया कि बाकी शहरों में रेट कम है तो इस पर उन्होंने कहा कि कई शहरों में सरकार के सहयोग से आरओ सिस्टम लगाए गए हैं लेकिन गोनियाना मे जो आरओ सिस्टम लगे हैं यहहमारी कंपनी की तरफ से लगे हैं। बिजली की दरों को बढ़ते देख, कर्मचारियों की सैलरी जैसे कई खर्च कंपनी की ओर से होते हैं जिसको ध्यान में रखते हमने यह रेट बढ़ाए हैं।