सिगला के मदद न करने के कारण छोड़ा शिअद
शिरोमणि अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व पार्षद बंत सिंह व उसकी पार्षद पत्नी शिदर कौर ने शिअद नेताओं के इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है कि उन्होंने कांग्रेस के नेताओं के कहने पर पुलिस के दबाव में आकर पार्टी छोड़ी है।
जागरण संवाददाता, बठिडा : शिरोमणि अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व पार्षद बंत सिंह व उसकी पार्षद पत्नी शिदर कौर ने शिअद नेताओं के इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है कि उन्होंने कांग्रेस के नेताओं के कहने पर पुलिस के दबाव में आकर पार्टी छोड़ी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने के पीछे मुख्य कारण शिअद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक सरूप चंद सिगला की ओर से मदद न किया जाना है। बीते माह जब थाना सिविल लाइन में उनके दामाद के खिलाफ लड़ाई का मामला दर्ज किया था तो उस दौरान पुलिस की ओर से उनकी बेटी को भी परेशान किया जा रहा था। जबकि उनकी बेटी अपने पति से अनबन होने के कारण मायके में उनके पास रह रही थी। लेकिन पुलिस की ओर से बार बार उसे भी थाने बुलाया जा रहा है। उस दौरान चाहे शिअद के शहरी प्रधान राजबिदर सिंह सिद्धू, मोहनजीत पुरी सहित अन्य नेता उनकी मदद के लिए थाने पहुंचे, लेकिन सरूप चंद सिगला नहीं आया। जबकि उसे कई बार फोन भी किया गया। इसके अलावा अकाली मेयर होने के बावजूद उनके वार्ड में विकास कार्य भी नहीं हो रहे थे। उन्होंने सिगला के मदद को न आने व विकास कार्य न होने के कारण पार्टी छोड़ी है। शिअद छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पार्षद मास्टर हरमंदर सिंह ने कहा कि अब तक जो भी पार्षद कांग्रेस में शामिल हुए हैं, उन पर किसी भी तरह कोई दबाव नहीं था।
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरुण वधावन ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले दो सालों में किसी एक भी अकाली कार्यकर्ता के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं कराया।
उधर, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शीघ्र ही पांच और अकाली पार्षदों के कांग्रेस में शामिल होने की खूब चर्चा होती रही। अब तक 11 अकाली-भाजपा और आजाद पार्षद कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। नगर निगम हाउस में कांग्रेस व उनके समर्थक पार्षदों की संख्या 22 हो गई है।