Bathinda Crime: फर्जी कागजात दिखाकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर पुलिस का शिकंजा, विजिलेंस जांच के बाद FIR दर्ज
Bathinda Crime पंजाब के बठिंडा में फर्जी कागजात दिखाकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। विजिलेंस जांच के बाद हुए इस खुलासे के बाद डीआईजी क्राइम की शिकायत पर उक्त आरोपित टीचरों पर संबंधित जिले के थानों में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर बठिंडा पुलिस ने जिले के 9 टीचरों पर मामला दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। फर्जी अनुभव और रूरल सर्टिफिकेट के आधार पर साल 2007 में शिक्षा विभाग में बतौर टीचिंग फैलेज की सरकारी नौकरी हासिल करने वाले प्रदेश भर के 20 जिले के 128 टीचरों के नाम सामने आए है, जिसमें बठिंडा जिले के 9 टीचर शामिल है। विजिलेंस जांच के बाद हुए इस खुलासे के बाद डीआईजी क्राइम की शिकायत पर उक्त आरोपित टीचरों पर संबंधित जिले के थानों में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
बठिंडा में टीचरों के खिलाफ शिकायत दर्ज
इसमें बठिंडा जिले के 9 टीचरों के खिलाफ भी बठिंडा के थाना सिविल लाइन में केस दर्ज किया गया। जिनकी पहचान सुखदर्शन सिंह निवासी गांव जस्सी पाऊ वाली, खुशविंदर सिंह निवासी गांव भुच्चो खुर्द, किरनदीप कौर निवासी गुरु गोबिंद सिंह नगर बठिंडा, दविंदर कौर निवासी जुझार सिंह नगर, सर्बजीत सिंह निवासी गांव भाईरूपा, जगरूप सिंह निवासी गुरु तेग बहादुर नगर, मनजिंदर कौर निवासी बाबा दीप सिंह नगर, सुरिंदर कौर निवासी गांव बरगाड़ी, दविंदर सिंह निवासी परसराम नगर बठिंडा के तौर पर हुई है। फिलहाल किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इन सभी आरोपितों ने अपने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल की है।
फर्जी अनुभव सर्टिफिकेट पेश कर हासिल की नौकरी
दरअसल, साल 2007 में शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदेश के 20 जिलों में 9998 टीचिंग फैलज की भर्ती के लिए जिला स्तर पर संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी एलिमेंटरी चेयरमैनशिप में भर्ती की गई थी। इस भर्ती में अनुभव सर्टिफिकेट के ज्यादा से ज्यादा 7 अंक होने के चलते उम्मीदवारों की तरफ से बड़े स्तर पर मिलीभगत कर फर्जी अनुभव सर्टिफिकेट पेश कर नौकरी हासिल की गई।
कमेटी के समक्ष पेश होकर करवाएं सर्टिफिकेट जांच
इसके बाद उक्त फर्जी अनुभव सर्टिफिकेट का मामला शिक्षा विभाग के ध्यान में आने के बाद 6 अगस्त 2009 को फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले उम्मीदवारों की सूची अखबारों में प्रकशित कर उन्हें पंजाबी यूनिवर्सिटी में अपना पक्ष रखने का मौका विभाग द्वारा गठित स्पेशल जांच कमेटी के समक्ष दिया गया। 11 अगस्त से लेकर 13 अगस्त 2009 तक उम्मीदवारों की तरफ से जांच कमेटी के समक्ष पेश होकर अपने सर्टिफिकेट जांच करवाएं गए।
शिक्षा विभाग से की गई शिकायत
इसके बाद जांच कमेटी ने उक्त सर्टिफिकेट की जांच करने के बाद 22 अक्टूबर 2009 को फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले उम्मीदवारों को नौकरी से निकालने की सिफारिश शिक्षा विभाग से की गई थी, लेकिन उक्त उम्मीदवारों ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में अलग-अलग पटीशन दायर कर उक्त रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी।
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जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेशों पर सरकार ने डायरेक्टर शिक्षा विभाग एलिमेंटरी पंजाब साधु सिंह रंधावा की चेयरमैनशिप में बनाई गई कमेटी के समक्ष दोबारा से उक्त सभी उम्मीदवारों को 4 बार अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, जिसमें 563 उम्मीदवारों में से 457 उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए और कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में उक्त लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की।
क्लेम के निपटारे के लिए गठित की गई कमेटी
इसके बाद शिक्षा विभाग ने एक ओर चार सदस्यीय कमेटी उस समय की डायरेक्टर दर्शन कौर की अगुआई में उम्मीदवारों के क्लेम के निपटारे के लिए गठित की गई। इस कमेटी ने भी 2 दिसंबर 2014 को साल 2010 में गठित तीन मेंबरी कमेटी की रिपोर्ट वाला एतराज कायम रखा।
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इसके बाद चार मेंबरी कमेटी द्वारा अब तक की जांच में सामने आया कि 5 उम्मीदवार बठिंडा,3 फिरोजपुर, 54 गुरदासपुर, 8 होशियपुर, 7 कपूरथला, 7 लुधियाना, श्री मुक्तसर साहिब के 4, पटियाला 1, रोपड़ के 2 उम्मीदवारों के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की, जबकि अमृतसर के 48, बरनाला के 11, बठिंडा के 9, फरीदकोट के 3, फतेहगढ़ के 8, फिरोजपुर के 4, गुरदासपुर के 111 उम्मीदवारों के अनुभव सर्टिफिकेट फर्जी मिले, जबकि 4 उम्मीदवारों के रूरल एरिया सर्टिफिकेट फर्जी और 13 उम्मीदवारों ने मैरिट में गड़बड़ी करने यानि कुल 128 उम्मीदवार के नाम सामने आए है। जिन पर एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश चार मेंबरी कमेटी ने की।
विजिलेंस ब्यूरो पंजाब को सौंपी गई मामले की जांच
इसके बाद उक्त मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो पंजाब को सौंपी गई। विजिलेंस ब्यूरो ने भी अपने स्तर पर जांच करने और शिक्षा विभाग की तरफ से गठित जांच कमेटियों की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों को उक्त आरोपित लोगों पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर बठिंडा पुलिस ने जिले के 9 टीचरों पर मामला दर्ज किया है।