पांच हजार रिश्वत लेता पटवारी गिरफ्तार
अदालत में कर्ज संबंधी चल रहे केस में फैसले के बाद जमीन पर एतराज दर्ज करवाने के बदले पहले 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगने व बाद में पांच हजार रुपये वसूल करने वाले पटवारी को विजिलेंस विभाग की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।
जासं, बठिडा : अदालत में कर्ज संबंधी चल रहे केस में फैसले के बाद जमीन पर एतराज दर्ज करवाने के बदले पहले 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगने व बाद में पांच हजार रुपये वसूल करने वाले पटवारी को विजिलेंस विभाग की टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। विजिलेंस ने आरोपित पटवारी पर भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। एसपी विजिलेंस वरिदर बराड़ ने बताया कि गांव महिमा सरजा निवासी जगसीर सिंह ने गोनियाना मंडी के आढ़ती बलतेज सिंह से खेती व घरेलू काम के लिए कर्ज लिया था। इस कर्ज के बदले उसने आढ़ती के पास अपनी जमीन गिरवी रखी थी। किसान जगसीर सिंह समय पर कर्ज नहीं लौटा सका तो आढ़ती ने उसके खिलाफ जिला अदालत में केस दायर कर दिया था। इस केस में पिछले दिनों अदालत ने किसान की करीब तीन एकड़ जमीन आढ़ती बलतेज सिंह को देने के आदेश दिए थे। इस फैसले के खिलाफ बीते दिनों किसान जगसीर सिंह ने बठिडा की एसीजीएम कोर्ट में अपील दायर की। जिसके बाद कोर्ट के सामने आढ़ती को दो कनाल जमीन देने का समझौता हुआ व बाकि रहती जमीन किसान जगसीर सिंह के नाम करने के लिए कहा गया था। इसमें जिला प्रशासन को अमली कार्रवाई करने के आदेश कोर्ट ने जारी कर दिए थे। केस में तहसीलदार गोनियाना ने पीड़ित किसान की अर्जी को मार्क कर पटवारी गुरदीप सिंह निवासी महिमा सर्जा को एतराज देने के लिए भेज दिया था। किसान ने पटवारी गुरदीप सिंह के पास उक्त आवेदन जमा करवा दिया, लेकिन वह एतराज दर्ज करने में आनाकानी करने लगा। इसमें किसान से पटवारी ने काम के बदले 10 हजार रुपये की रिश्वत देने की मांग रखी। मामले में किसान ने फोन कर पटवारी से राशि कम करने की मांग रखी, तो सौदा पांच हजार रुपये में तय हो गया। इसके बाद किसान जगसीर सिंह ने पटवारी गुरदीप सिंह की शिकायत विजिलेंस विभाग बठिडा रेंज को दी। इसमें विजिलेंस विभाग के डीएसपी लखबीर सिंह की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया। वहीं, किसान को पांच हजार रुपये देकर पटवारी को देने के लिए भेजा गया। जिसके बाद विजिलेंस टीम ने मौके पर पहुंचकर पटवारी गुरदीप सिंह को रंगेहाथों गिरफ्तार कर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया।