अस्पताल के एक्सरे विभाग में स्टाफ की कमी, मरीज परेशान
सिविल अस्पताल के एक्सरे विभाग को इन दिनों स्टाफ की कमी से जूझना पड़ रहा हैं। ओपीडी में एक्सरे मशीने तो दो हैं परंतु इन एक्सरे मशीनों को चलाने के लिए रेडियोग्राफर व पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं।
संस, बठिडा : सिविल अस्पताल के एक्सरे विभाग को इन दिनों स्टाफ की कमी से जूझना पड़ रहा हैं। ओपीडी में एक्सरे मशीने तो दो हैं, परंतु इन एक्सरे मशीनों को चलाने के लिए रेडियोग्राफर व पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। ओपीडी में प्रतिदिन 700 के करीब मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें प्रतिदिन 150 से अधिक मरीज एक्सरे करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। निजी क्लीनिकों में जहां डिजिटल एक्सरे के लिए 400 से 600 रुपये और मैनुअल एक्सरे के लिए 300 रुपये तक वसूल किए जाते हैं। वहीं सिविल अस्पताल में डिजिटल एक्सरे के लिए 120 रुपये और मैनुअल एक्सरे के लिए 80 रुपये ही लिए जाते हैं। इस कारण यहां एक्सरे करवाने के लिए मरीजों की भीड़ लगी रहती हैं। यहां पर सिर्फ दो ही रेडियोग्राफर मौजूद थे, जिस कारण मरीजों को कई घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। बुधवार को भी एक्सरे रूम के बाहर मरीजों की भारी भीड़ थी, इसके अलावा इमजरेंसी वाले मरीजों को भी दो-दो घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा।
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लोगों ने कहा
हरदेव नगर के रहने वाले लड्डू लाल का एक्सरे करवाने आए राहुल ने बताया कि मंगलवार को उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिस कारण वह इमरजेंसी वार्ड में दाखिल हैं। डॉक्टर ने उनको इमरजेंसी में एक्सरे करवाने के लिए कहा। परंतु वह पिछले दो घंटो से एक्सरे रूम के बाहर खड़े हैं। अभी तक उनका नंबर नहीं आया, जबकि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का पहले एक्सरे होना चाहिए। गांव जस्सी पौ वाली के प्रीतम सिंह ने बताया कि वह अपने बेटे की टांग का एक्सरे करवाने आया था और वह 11:30 बजे अस्पताल पहुंच गया। पर्ची कटवा कर एक्सरे विभाग में पहुंचा, जहां स्टाफ ने उसे अगले दिन आने के लिए कहा। अब उसे फिर से किराया लगाकर अगले दिन अस्पताल आना पड़ेगा। इसके अलावा अन्य बहुत से मरीजों को दो से तीन घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा।
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डिमांड भेजी गई है
एसएमओ डॉ. सतीश गोयल ने बताया कि वैसे तो उनके पास चार रेडियोग्राफर है, परंतु एक रेडियोग्राफर तो विवाह के कारण छुट्टी पर हैं, और एक की इमरजेंसी में इवनिग ड्यूटी होने के कारण मार्निंग रेस्ट होती हैं। सिर्फ दो रेडियोग्राफर होने के कारण बुधवार को मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि ओर स्टाफ लिए विभाग को डिमांड भेजी है।