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पैरा मेडिकल हेल्थ इंप्लाइज एसोसिएशन ने गेट रैली निकाली

एसोसिएशन की ओर से दूसरे दिन शनिवार को भी सिविल अस्पताल बठिडा में गेट रैली निकाली गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 06:26 AM (IST)
पैरा मेडिकल हेल्थ इंप्लाइज एसोसिएशन ने गेट रैली निकाली
पैरा मेडिकल हेल्थ इंप्लाइज एसोसिएशन ने गेट रैली निकाली

संवाद सहयोगी, बठिडा : पैरा मेडिकल हेल्थ इंप्लाइज एसोसिएशन की ओर से दूसरे दिन शनिवार को भी सिविल अस्पताल बठिडा में गेट रैली निकाली गई। पैरा मेडिकल कर्मचारियों की ओर से यह रैली गेट रैली नौ जुलाई को सिविल सर्जन बठिडा और एसएमओ सिविल अस्पताल के खिलाफ दिए जाने वाले धरने को लेकर निकाली गई। एसोसिएशन के प्रधान गगनदीप सिंह गेट रैली से पहले पैरा मेडिकल कर्मचारियों ने 9 जुलाई को दिए जाने धरने शामिल होने के लिए अलग अलग ब्लॉकों के नेताओं की ड्यूटी लगा दी । इस मौके पर जिला प्रधान गगनदीप सिहं, कुलविदर सिंह, सुखदीप सिंह, हरजिदर कौर, जगदीश कोर, गुरसेवक सिंह, गुरमीत सिंह, हरजीत सिंह, सुखवंत सिंह आदि हाजिर थे। सरकार अस्पतालों में उपलब्ध करवाए उचित दवाइयां व मशीनें

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पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के प्रधान डॉ. गुरमेल सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से गुणवत्तापूर्ण अच्छी दवाएं उपलब्ध करवाई जाएं तो किसी डॉक्टर को बाहरी दवाई लिखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। डॉक्टर के लिए मरीज अहम हैं, उनकी जान बचाने के लिए आधुनिक व गुणवत्तापूर्ण दवाओं की जरूरत पड़ती है। कोई भी डॉक्टर शौक से ऐसा नहीं करता। लोग डॉक्टर से उपयुक्त इलाज की उम्मीद रखते हैं। डॉक्टर-मरीज के रिश्ते की लाज रखने के लिए हर बात का ध्यान रखना पड़ता है। आम जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ने की बजाए डॉक्टरों को साफ्ट टारगेट बना बनाया जा रहा है जोकि सरासर गलत है। उन्होंने आम पब्लिक से सहयोग का आग्रह करते हुए सरकार से मांग की कि सिविल अस्पताल में वर्तमान समय के अनुरूप आधुनिक व गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध करवाए और ऐसा होने पर ही मरीज का सही उपचार संभव हो सकेगा। अस्पताल में ज्यादातर एक्सीडेंट तथा लड़ाई-झगड़े के केस आते हैं, जिनकी गंभीर चोट का बिना टेस्ट कराए इलाज संभव नहीं। अंदाज लगाकर सही इलाज नहीं हो पाता, ऐसे में मरीजों के सीटी स्कैन, एमआरआई और कई अन्य टेस्ट करवाने पड़ते हैं। टेस्टों की रिपोर्ट के बाद ही सही डाइग्नोज किया जा सकता है लेकिन सरकार की ओर से ऐसे टेस्ट उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे। डॉक्टर को मजबूरी में कि ऐसे टेस्ट लिखने पड़ते हैं। समय के अनुरूप आधुनिक मशीनें आ गई है जोकि सही डाइग्नोज करने में मददगार हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सही बात करने की बजाए डॉक्टरों को ही बदनाम करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये जनता को गुणवत्तापूर्ण सेहत सुविधा देने के लिए सिस्टम के खिलाफ खड़े हैं तो पीसीएमएसए भी उनके साथ हैं।


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