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पीयूसीबी में 'सार्वभौमिक मानवीय मूल्य' विषय पर व्याख्यान

कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में सार्वभौमिक मानव मूल्यों के विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 09:48 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 09:48 PM (IST)
पीयूसीबी में 'सार्वभौमिक मानवीय मूल्य' विषय पर व्याख्यान
पीयूसीबी में 'सार्वभौमिक मानवीय मूल्य' विषय पर व्याख्यान

संस, बठिडा: पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिंडा (पीयूसीबी) के आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ द्वारा कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में सार्वभौमिक मानव मूल्यों के विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी फार इंडक्शन प्रोग्राम के अध्यक्ष और एआइसीटीई और आइके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कपूरथला के पूर्व कुलपति प्रो. रजनीश अरोड़ा मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। प्रो. रजनीश अरोड़ा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) ने स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है कि पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने, एक न्यायसंगत और न्यायपूर्ण समाज के विकास और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा एक मूलभूत आवश्यकता है।

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उन्होंने समग्र मूल्य आधारित शिक्षा प्रणाली में यूएचवी की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में मुख्यधारा की शिक्षा में यूएचवी के समावेश की 40 वर्षों की प्रयोग यात्रा ने व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर उत्साहजनक परिणाम दिए हैं। उन्होंने भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम, एआइसीटीई अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्ध और अन्य ने भी शिक्षा प्रणाली में यूएचवी को शामिल करने की वकालत की है।

इस मौके पर कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली यूएचवी से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है तथा ओम सर्वे भवंतु सुखिन: और सरबत दा भला की भारतीय विचारधारा ने हमारे पूर्वजों को प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने के लिए सदैव प्रेरित किया है। आधुनिक शिक्षा प्रणाली और हमारी तेज-तर्रार जीवनशैली ने हमें हमारे पारंपरिक मूल्यों से अलग कर दिया है और न्यायसंगत मानव समाज के निर्माण के लिए युवाओं को नैतिक शिक्षा प्रदान करने के लिए एनईपी-2020 के तहत बहु-विषयक शिक्षा और अन्य सुधारों सहित विभिन्न परिवर्तनकारी शैक्षिक सुधारों को प्रस्तुत किया गया है। कार्यक्रम की शुरुआत में आइक्यूएसी निदेशक प्रो. मोनिशा धीमान ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. तरुण अरोड़ा ने किया। अंत में कुलसचिव कंवल पाल सिंह मुंद्रा ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।


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