बाल रक्षा आयोग के सामने पेश हुए संक्रमित खून चढ़ाने की जांच कर रहे अधिकारी
सेहत विभाग व जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर डा. गुरमेल सिंह पेश हुए।
जासं, बठिडा : बठिडा में थैलेसीमिया से पीड़ित तीन बच्चों को एचआईवी पाजिटिव रक्त चढ़ाने के मामले में पंजाब राज बाल अधिकार रक्षा आयोग के समक्ष सेहत विभाग व जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर डा. गुरमेल सिंह पेश हुए। आयोग ने संक्रमित खून चढ़ाने के मामले में डीसी बठिडा व सिविल अस्पताल प्रबंधन से डायरेक्टर सेहत व परिवार भलाई विभाग के मार्फत जवाबतलबी की थी और 19 नवंबर को व्यक्तिगत तौर पर मामले में कार्रवाई कर रहे अधिकारी को पेश होने के आदेश दिए थे। इस मामले में जांच टीम के सदस्य डा. गुरमेल सिंह ने आयोग के समक्ष पेश होकर बताया कि अक्टूबर माह में सामने आए सात साल के बच्चे को संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में तीन लोगों पर कार्रवाई की गई गई है, जबकि अन्य दो मामले जोकि सात नवंबर व 17 नवंबर को सामने आए है, उसमें जांच चल रही है। इस पर आयोग ने तीनों बच्चों के मामले में हुई जांच की पूरी रिपोर्ट व आरोपित लोगों पर की गई कार्रवाई की जानकारी लेकर 26 नवंबर को आयोग के सामने फिर से पेश होने की हिदायत दी है।
रक्त की सही जांच होती तो ना होते यह हालात
ब्लड बैंक में डोनेट ब्लड की जांच मैक एलाइजा मशीन के खराब होने पर रेपिड टेस्ट से काम चलाया गया जो कम प्रभावी है। किट बचाने के चक्कर में यह टेस्ट किए भी गए या नहीं, सभी चुप्पी साधे हैं। 3 अक्टूबर केस में एचआईवी पाजिटिव डोनर ने मई 2020 में भी ब्लड डोनेट किया था, लेकिन कागजों में जानकारी होने के बाद भी उसे एचआईवी स्टेट्स नहीं बताया गया। वहीं 7 नवंबर को खूनदान करने वाला डोनर सिविल अस्पताल में पहले तीन बार ब्लड डोनेट कर चुका है तथा उसका रक्त किन-किन लोगों को चढ़ा है, पता लगाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को भेजी लिखित शिकायत
सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के अधिकारियों की तरफ से पिछले छह महीने मे 4 बार एचआईवी पाजिटिव रक्त अलग-अलग बच्चो व लोगों को चढाने को मामले को लेकर समाजसेवी आशीष बांसल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी और इस मामले को गंभीरता से जांच करने की मांग उठाई है। आशीष बांसल ने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ पंजाब के सेहतमंत्री को भी पत्र लिखकर इस मामले के बारे बताया गया है और मांग कि जो भी दोषी है उनको सख्त से सख्त सजा दी जाए उनपर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं बठिड़ा के सरकारी ब्लड़ बैंक में जिम्मेवार अधिकारियों को नियुक्त किया जाए, ताकि आगे से ऐसे कार्य ना हो सके।