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जिले में बिना लाइसेंस व सर्टिफिकेट के चल रहीं 70 फीसद दुकानें

त्योहारी सीजन में मिठाइयों में मिलावट का खेल शुरू हो चुका है लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग चितामुक्त है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 04:46 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 04:46 AM (IST)
जिले में बिना लाइसेंस व सर्टिफिकेट के चल रहीं 70 फीसद दुकानें

जागरण संवाददाता, बठिडा: त्योहारी सीजन में मिठाइयों में मिलावट का खेल शुरू हो चुका है, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग चितामुक्त है। कारण, दीवाली में महज 18 दिन शेष हैं, लेकिन मिठाइयों की सैंपलिंग करना तो दूर चेकिग तक ठीक से नहीं हो रही है। हालात हैं कि विभाग के पास इसकी जानकारी तक नहीं है कि जिले के कितने दुकानदारों ने फूड सेफ्टी लाइसेंस या सार्टिफिकेट ले रखा है।

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सेहत विभागों के सूत्रों के अनुसार जिले में मिठाई और खाद्य पदार्थो की हजारों दुकानें हैं। इनमें करीब 70 ्रफीसद दुकानों ने लाइसेंस या सर्टिफिकेट नहीं लिया है। तलवंडी साबो, मौड़ मंडी और रामपुरा फूल जैसे बड़े एरिया में तो 90 फीसद दुकानें बिना लाइसेंस चल रही हैं। इधर, बठिडा की जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. ऊषा गोयल दावे कर रही हैं कि विभाग लाइसेंस व सार्टिफकेट के लिए दुकानदारों पर सख्ती बरत रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि विभाग के पास दुकानदारों का रिकार्ड तक नहीं है। 12 लाख से कम सेल वाले दुकानदार के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

शहर में खाद्य पदार्थ बनाने व बेचने वालों के लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन जरूरी है। साल में 12 लाख रुपये से कम की सेल करने वाले दुकानदार व रेहड़ी फड़ी लगाने वालों के लिए विभाग से रजिस्ट्रेशन कराना तथा 12 लाख से ज्यादा की सेल करने वालों के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म के साथ फीस जमा करानी होती है, जबकि लाइसेंस के लिए फार्म के साथ दो से पांच हजार रुपये फीस जमा करानी होती है। 2006 में बना था फूड सेफ्टी एंड स्टैंर्ड एक्ट

2006 में बनाए गए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट इंडिया के अनुसार स्वास्थ्य विभाग से रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस लिए बगैर कोई भी दुकानदार खाद्य पदार्थ नहीं बेच सकता। इस कानून को 2011 में लागू किया गया, जिसके अनुसार पकड़े जाने पर आरोपित दुकानदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। उसमें उसकी दुकान भी बंद की जा सकती है। फूड एंड सेफ्टी स्टेंडर्ड एक्ट के तहत सरकार के तरफ से कुछ जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं। सेहत विभाग के पास होना चाहिए दुकानदारों का पूरा विवरण

फूड सेफ्टी स्टेंडर्ड एक्ट के तहत खान-पान का सामान बेचने वाले या फिर बनाने वालों को लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन हासिल करना लाजमी है। बाजार में खान-पान की चीजों में क्वालिटी लोगों को मिले यह उक्त एक्ट का मक्सद है। एक्ट के मुताबिक सेहत विभाग के पास दुकानदारों का पूरा विवरण होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दुकानदार नियमों का पालन करे। लोगों की सेहत के साथ एक्ट जुड़ा हुआ है। लाइसेंस व रजिट्रेस्शन की एवज में दुकानदारों को फीस भी चुकानी होती है।


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