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एनईपी-2020 पहली भारतीय शिक्षा नीति है जो मातृभाषा में शिक्षण को महत्व देती है : प्रो. कुलदीप

एक वेबिनार का आयोजन कुलपति प्रो. राघवेंद्र तिवारी की अगुआई में किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 02:54 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 02:54 PM (IST)
एनईपी-2020 पहली भारतीय शिक्षा नीति है जो मातृभाषा में शिक्षण को महत्व देती है : प्रो. कुलदीप
एनईपी-2020 पहली भारतीय शिक्षा नीति है जो मातृभाषा में शिक्षण को महत्व देती है : प्रो. कुलदीप

संस, बठिडा : पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में भारतीय भाषाओं का महत्व विषय पर एक वेबिनार का आयोजन कुलपति प्रो. राघवेंद्र तिवारी की अगुआई में किया गया। इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत में स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज के डीन प्रो. तरुण अरोड़ा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया, मुख्य अतिथि का परिचय दिया और कार्यक्रम के थीम पर प्रकाश डाला। वहीं मुख्य वक्ता प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि सीयूपीबी को मालवा क्षेत्र में स्थित होने का सौभाग्य प्राप्त है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा शुरू की गई अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली ने हमें हमारी मूल भाषाओं, हमारी संस्कृति, हमारे मूल्यों और हमारे प्राचीन विद्वानों द्वारा लिखित हमारे समृद्ध साहित्य से अलग कर दिया। प्रो. अग्निहोत्री ने फ्रांस, इजरायल, दक्षिण कोरिया जैसे देशों का उदाहरण दिया जो अपनी भाषा में सीखकर सफल हुए और जोर देकर कहा कि मातृभाषा में सीखना विदेशी भाषा में सीखने की तुलना में अवधारणाओं की बेहतर समझ प्रदान करता है।

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इस वेबिनार में डीन छात्र कल्याण प्रो. वीके. गर्ग, डीन इंचार्ज अकादमिक मामले प्रो. आरके वुसिरिका, देश भर के शिक्षाविद, संकाय, स्टाफ मेंबर और विश्वविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया।


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