Move to Jagran APP

त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने में सेहत विभाग नाकाम

शहर में नवरात्र से ही त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। त्योहारों के मद्देनजर क्षेत्र में नकली पनीर सिथेटिक दूध व मावा की मांग बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 06:00 AM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 06:00 AM (IST)
त्योहारी सीजन में मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने में सेहत विभाग नाकाम

नितिन सिगला, बठिडा : शहर में नवरात्र से ही त्योहारी सीजन शुरू हो गया है। त्योहारों के मद्देनजर क्षेत्र में नकली पनीर, सिथेटिक दूध व मावा की मांग बढ़ गई है, क्योंकि त्योहारों में नकली मावा व पनीर और घी की खपत बढ़ जाती है। शहर हो या गांव, दूध की कितनी भी कमी हो जाए लेकिन मावा के नाम पर आपको कई किलो नकली मावा हमेशा उपलब्ध हो जाता है। मांग को बढ़ता देख शहर के दुकानदार मिलावटी खाद्य पदार्थ बना रहे हैं, जोकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ है। वहीं खाद्य विभाग ने भी इन मिलवाटखोरों पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रहा है। चूंकि सेहत विभाग की फूड सेफ्टी टीम सप्ताह में एक ही दिन सैंपलिग कर रही है और वह भी पिक एड चूज नीति के साथ। बेशक सेहत विभाग के उच्चाधिकारियों की तरफ से लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोरों पर विशेष नजर रखने के आदेश दिए गए, वहीं ज्यादा से ज्यादा खाद्य पदार्थों की चेकिग कर उनकी सैंपलिग करने के आदेश विभाग ने जारी किए हैं। लेकिन बठिडा सेहत विभाग मासिक तय लक्ष्य अनुसार ही सैंपलिग कर रहा है। वहीं सैंपलिग की रिपोर्ट फेस्टिवल सीजन बीत जाने के बाद आती है। ऐसे में विभाग इन सब स्टैंडर्ड खाने पीने की चीजों की सैंपलिग करने व उनकी जांच रिपोर्ट लेकर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। विभाग की लापरवाही का मिलावटखोर उठा रहे फायदा

loksabha election banner

त्योहारों के सीजन में मिलावटी मिठाई व मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने में ढील कर रहा है। जिले में हजारों मिठाई की व खाने पीने की दुकानें व दूध वाले हैं। वहीं पिछले 15 दिनों में अभी तक विभाग ने पूरे जिले में केवल 15 से 20 के करीब मिठाई और खानपान व दूध के सैंपल ही भरे हैं। विभाग के इस लापरवाह रवैये का फायदा मिलावटखोर व घटिया मिठाई बेचने वाले उठा रहे हैं। पिछले साल इसी सीजन में विभाग ने नकली पेठा व मिलावटी वस्तुओं से तैयार मिठाई छापामारी में पकड़ी थी व दूध के सैंपल भरने का अभियान चलाया था। पिछले साल की तुलना में इस साल इस बार खाद्य विभाग की सुस्ती लोगों को बीमार कर सकती है। त्योहार सिर पर हैं और दुकानदारों की ओर से पहले ही मिठाई तैयार कर स्टोर की जा रही है जिससे मिठाई की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। इसके बावजूद विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है मिलावटखोरों व घटिया मिठाई बेच रहे दुकानदारों के खिलाफ कोई अभियान नहीं छेड़ा जा रहा। वहीं स्वास्थ्य विभाग छापामारी में मिलावटखोरों के खिलाफ अभी तक कोई बड़ी सफलता हासिल नहीं कर सका। रोग प्रतिरोधक क्षमता में आ रही है कमी

एमडी मेडिसिन डा. परमिदर बांसल का कहना है कि मिलावटी मावा किडनी व लीवर को खराब कर सकता है। इससे संक्रमण पैदा हो सकता है। सिर दर्द, पेट दर्द व त्वचा रोग हो सकते हैं। पेट खराब होने व आंतों में संक्रमण होने की भी संभावना है। मिलावटी खाद्य सामग्री खाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी का नतीजा है कि पहले की अपेक्षा अब अधिक लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ रही है। खासकर मिलावटी खाद्य सामग्री इस्तेमाल करने से गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

----------

दूध, पनीर, खोये के जल्द भरेंगे सैंपल

डीएचओ डा. उषा गोयल का कहना है कि टीम ने त्योहारी सीजन को देखते हुए शहर में अभियान चलाया है। टीम अलग-अलग जगहों से विभिन्न तरह के खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए चंडीगढ़ में स्थित विभाग की लैब में भेज रही है। दुकानदारों को मिलावटी मिठाई व अन्य राज्यों से नकली मावा स्टोर न करने के निर्देश देने के अलावा दुकानदारों को भी जागरूक किया जा रहा है। विभिन्न दुकानों पर जाकर मिठाई व मावा के सैंपल करेगी। गांवों व जल्द ही दूध, पनीर, खोये के सैंपल भरे जाएंगे। घटिया व मिलावटी खाने पीने की चीजें बेचने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.