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ऑनलाइन नक्शा पास नहीं, फेल

लंबे प्रोसेस के बाद करप्शन से निजात पाने के लिए निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू का ड्रीम प्रोजेक्ट ऑनलाइन बिल्डिंग नक्शा सेंक्शन फेल होता नजर आ रहा है। दिक्कतें दूर होने की बजाय और बढ़ गई हैं। यहीं वजह है कि नक्शे पास करने की रफ्तार मैनुअल से भी ज्यादा धीमी हो गई है। निगम अधिकारियों का कहना है कि नक्शा पास न होने की ज्यादातर परेशानी हेड ऑफिस से आ रही है, जबकि आर्किटेक्टों का कहना है कि ज्यादातर समस्या सॉफ्टेवयर में आ रही है। इतना ही नहीं, ऑनलाइन प्रकिया के बाद निगम की आमदनी पर काफी असर पड़ा है। जबकि मैनुअल प्रक्रिया के दौरान ब¨ठडा निगम के पास प्रतिदिन 30 से 40 नक्शा पास होने के लिए अप्लाई होते थे, जो ऑनलाइन के बाद 10 से 15 रह गए। निगम अधिकारी खुद भी मानते हैं कि ऑनलाइन प्रकिया से प्रतिदिन की आमदन भी तीन से चार लाख रुपये से कम होकर महज 40-50 हजार जमा हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 07:57 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 07:57 PM (IST)
ऑनलाइन नक्शा पास नहीं, फेल
ऑनलाइन नक्शा पास नहीं, फेल

नितिन ¨सगला, ब¨ठडा : लंबे प्रोसेस के बाद करप्शन से निजात पाने के लिए निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू का ड्रीम प्रोजेक्ट ऑनलाइन बिल्डिंग नक्शा सेंक्शन फेल होता नजर आ रहा है। दिक्कतें दूर होने की बजाय और बढ़ गई हैं। यहीं वजह है कि नक्शे पास करने की रफ्तार मैनुअल से भी ज्यादा धीमी हो गई है। निगम अधिकारियों का कहना है कि नक्शा पास न होने की ज्यादातर परेशानी हेड ऑफिस से आ रही है, जबकि आर्किटेक्टों का कहना है कि ज्यादातर समस्या सॉफ्टेवयर में आ रही है। इतना ही नहीं, ऑनलाइन प्रकिया के बाद निगम की आमदनी पर काफी असर पड़ा है। जबकि मैनुअल प्रक्रिया के दौरान ब¨ठडा निगम के पास प्रतिदिन 30 से 40 नक्शा पास होने के लिए अप्लाई होते थे, जो ऑनलाइन के बाद 10 से 15 रह गए। निगम अधिकारी खुद भी मानते हैं कि ऑनलाइन प्रकिया से प्रतिदिन की आमदन भी तीन से चार लाख रुपये से कम होकर महज 40-50 हजार जमा हो रही है।

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बता दें कि प्रदेश भर में 15 अगस्त 2018 को ऑनलाइन नक्शा पास करने की सुविधा निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू ने दी थी। शुरूआती दिन में ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में दिक्कतों के चलते विभाग ने 15 जनवरी, 2019 से प्रदेश भर की सभी बिल्डिंग ब्रांचों के अधिकारियों को मैनुअल की बजाय ऑनलाइन नक्शे पास करने के आदेश दिए। इसके लिए सभी निगमों को पूरे प्रबंध करने के लिए कहा गया। मंत्री ने आदेशों में स्पष्ट किया था कि 15 जनवरी के बाद कोई भी मैनुअल नक्शा पास न किया जाए। इसके बाद बिल्डिंग ब्रांच ब¨ठडा के अधिकारियों ने शहर के सभी आर्किटेक्ट को केवल ऑनलाइन नक्शे ही अप्लाई करने की हिदायतें जारी की। विभाग का दावा है कि ऑनलाइन प्रोसेस से बिल्डिंग विभाग के स्टाफ से पब्लिक की सीधी डी¨लग बंद होगी और आर्किटेक्ट ही नक्शा अप्लाई करेंगे व किसी प्रकार की कमी पर बिल्डिंग डिपार्टमेंट का ऑनलाइन ही आब्जेक्शन आएगा।

ऑनलाइन अपलोड किए 50 नक्शे, पास एक भी नहीं

15 जनवरी से ऑनलाइन नक्शा पास करने की प्रकिया शुरू होने के बाद शहर के विभिन्न आर्किटेक्टों द्वारा रिहायशी व कॉमर्शियल के करीब 50 से ज्यादा नक्शे पास करने के लिए वेबसाइट पर अपलोड किए है, लेकिन एक माह बीतने के बाद भी एक भी नक्शा ऑनलाइन पास नहीं हुआ। आर्किटेक्टों की मानें तो ज्यादा नक्शे घरों के हैं, जोकि एक जनवरी से अप्लाई किए गए, लेकिन डेढ़ माह बीतने के बाद भी पास नहीं हो सके, जिसके कारण लोग मकान बनाने का काम शुरू नहीं कर पा रहे है। अगर वह काम शुरू करते है, तो निगम अधिकारी उसे बंद करवा देते है।

3 बार अपलोड, पास एक बार भी नहीं

वहीं मैनुअल एप्लीकेशन पर पूर्ण रूप से पाबंदी होने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। नए सिस्टम के बाद जनवरी में करीब 50 नक्शे ऑनलाइन अप्लाई हुए हैं, जबकि दिसंबर 2018 में मैनुअल सिस्टम में यह आंकड़ा 150 का था। स्थिति यह है कि एक-एक उपभोक्ता तीन-तीन बार ऑनलाइन आवेदन अपलोड कर रहा है, इसके बावजूद भी नक्शा पास नहीं हो पा रहा है।

बिल्डिंग ब्रांच को अभी तक नहीं मिले लैपटॉप

बेशक मैनुअल नक्शे बंदकर ऑनलाइन नक्शे लेने शुरू कर दिए हैं, लेकिन निगम में अभी तक ऑनलाइन नक्शा पास करने के लिए पूरे प्रबंध नहीं है। ऑनलाइन नक्शा पास करने के लिए एक्सईएन, एसडीओ, सचिव, एटीपी, एसडीओ, जेई व बि¨ल्डग इंस्पेक्टरों के लिए 16 लैपटाप निगम द्वारा खरीदे जाने थे, जोकि एक माह बाद भी नहीं मिल सके है। इसके अलावा एक ¨प्रटर की भी खरीदा जाना था, जबकि अधिकारियों का कहना है कि आर्डर किए गए है, जल्द सामान आ जाएगा।


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