Move to Jagran APP

बदतर हुई मोबाइल टायलेट्स की हालत, किसी पर महिला कर्मी भी नहीं

नगर निगम की ओर से लगभग 2 साल पहले शहर में 48.37 लाख रुपये खर्च कर  7 मोबाइल टॉयलेट्स लगाये थे, मगर इनके मैंटेनेंस के नाम पर हर एक मोबाइल टॉयलेट के 32,810 रुपये प्रति महीना चुकाने के बावजूद उनकी बदतर हालत हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 07:48 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 07:48 PM (IST)
बदतर हुई मोबाइल टायलेट्स की हालत, किसी पर महिला कर्मी भी नहीं
बदतर हुई मोबाइल टायलेट्स की हालत, किसी पर महिला कर्मी भी नहीं

संवाददाता, ब¨ठडा : नगर निगम की ओर से लगभग 2 साल पहले शहर में 48.37 लाख रुपये खर्च कर  7 मोबाइल टॉयलेट्स लगाये थे, मगर इनके मैंटेनेंस के नाम पर हर एक मोबाइल टॉयलेट के 32,810 रुपये प्रति महीना चुकाने के बावजूद उनकी बदतर हालत हो चुकी है। दस-दस दिन तक इनके टैंक खाली ही नहीं किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं इनके चारों ओर गंदगी का आलम है और अनेक टॉयलेट्स पर कोई कर्मचारी नहीं है। जहां पर हैं वहां पुरुष कर्मचारी ही है। जबकि इसमें महिला टायलेट्स भी हैं। किसी भी टायलेट पर महिला कर्मचारी की तैनाती नहीं की गई है। जिससे महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि ठेकेदार को पूरे पैसे दिए जा रहे हैं। यह स्थिति खेता ¨सह बस्ती, हरदेव नगर के अलावा अधिकतर स्लम एरिया में स्थापित की गई टायलेट्स की हैं। मोहल्ला निवासी इस संबंध में नगर निगम अधिकारियों को शिकायतें करने और उनके खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

loksabha election banner

कमला नेहरू मार्किट के लोगों ने बताया कि जब से यह पब्लिक टॉयलेट बनी हैं, तब से इस लेडीज पब्लिक टॉयलेट पर कोई भी महिला कर्मचारी नहीं रखी गई है। लेडीज पब्लिक टॉयलेट में सारा दिन भर जेंट्स लोग ही आते जाते रहते हैं। यही हाल कुछ दूरी पर बीबी वाला रोड पर बने पब्लिक टॉयलेट का है । उस टॉयलेट पर भी महिला कर्मचारी नहीं रखी है। बिलकुल ऐसा ही हाल आवा बस्ती में बनी लेडीज पब्लिक टॉयलेट का है। शहर में ऐसी बहुत सी पब्लिक टॉयलेट हैं, जिन पर लेडीज कर्मचारी नहीं रखी गयी हैं।

-- ग्राहक जागो संस्था ने लगाया कथित बड़े घोटाले का भी आरोप

आरटीआइ एक्टिविस्ट व ग्राहक जागो के सचिव संजीव गोयल ने यह मामला उठाते हुए बताया कि बहुत ही ज्यादा शिकायतें पब्लिक टॉयलेट के संबंध में नगर निगम के पास पहुंच चुकी हैं, मगर निगम अधिकारी बिना चे¨कग ही बिलों के ऊपर ठेकेदार का काम तसल्ली बख्श है लिखकर उसे पास कर देते हैं। जोकि हर महीने का 10,55,943 रुपये होता है। प्रत्येक टायलेट्स पर लेडीस और जेंटस कर्मी का वर्दी समेत होना अनिवार्य है। संजीव गोयल के अनुसार इसमें बड़ा घोटाला है, जिसकी पड़ताल होनी जरूरी है। टायलेट्स की हालत की पड़ताल कराएंगे : मेयर

नगर निगम के मेयर बलवंत राय नाथ ने कहा कि वह सभी टायलेट्स की हालत की पड़ताल करवाएंगे और साथ ही संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर महिला कर्मचारियों की तैनाती यकीनी बनाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.