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जिस छप्पड़ से आती थी बदबू अब वहां किश्ती के नजारे

जगतार अनजान, मौड़ मंडी गांव सुखा ¨सह वाला के नौजवानों ने मिलकर नई सोच, पेंडू एकता' के न

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 07:48 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 07:48 PM (IST)
जिस छप्पड़ से आती थी बदबू अब वहां किश्ती के नजारे
जिस छप्पड़ से आती थी बदबू अब वहां किश्ती के नजारे

जगतार अनजान, मौड़ मंडी

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गांव सुखा ¨सह वाला के नौजवानों ने मिलकर नई सोच, पेंडू एकता' के नारे को बुलंद करते हुए बड़ी मिसाल  कायम की है। इन नौजवानों ने कुछ ही दिनों में अपने गांव को इतना साफ सुथरा कर दिया है कि देखने वाला इन नौजवानों की सराहना करते नहीं थकता। इन्होंने बिना किसी राजनीति दखल के अपने गांव को साफ और सुन्दर बनाने के मकसद से नि:स्वार्थ काम करते हुए पूरे गांव के घरों को सफेद कर दिया और पूरे गांव को सजावटी पौधे लगाकर मनमोहक बना डाला है। गांव की सड़कों पर सफेद और पीली रंग की लाइन और पेड़ों की सुरक्षात्मक के लिए रेडियम टेप की पतियां अच्छे दृश्य पेश करती हैं। यह गांव ब¨ठडा मानसा रोड पर स्थित है। यह मानसा से आते ब¨ठडा जिले का पहला गांव हैं।

किश्ती का आनंद : गांव के लोगों ने गंदगी से भरे छप्पड़ को साफ कर उसमें किश्ती छोड़ दी है, जिसमें बैठकर गांव के लोग बहुत आनंद लेते हैं। इस छप्पड़ के आस पास पौधे लगाकर जहां इसको तंदरुस्त किया है, वहीं इसको पंचायत से ठेके पर लेकर इसमें वोट को छोड़कर बच्चों ओर नौजवानों के आनंद लेने के लिए तैयार कर दिया हैं। बाक्स

पिता की याद को समर्पित गांव में बनाया गार्डन

मेन रोड पर स्थित राजपाल नर्सरी के मालिक राजपाल की ओर से अपने पिता कर्म ¨सह की याद में एक गार्डन का निर्माण किया गया है। गांव में दो लाख की कीमत के बहुत महंगे पौधे लगाकर इसको सुंदर बनाया गया है। इसी तरह ही गांव की सड़कों के आसपास सुंदर फूल, फेक्स व कनेर लगाकर पूरे गांव को सुंदर बनाया गया हैं।

इनसेट

गांव में नहीं बिकता कोई नशा

इस गांव में किसी प्रकार का कोई भी नशीला पदार्थ नहीं विकता, पिछले दस साल से गांव में तंबाकू भी नहीं बिका। न ही गांव में शराब का ठेका है। क्या कहते हैं समाजसेवी

-समाजसेवी कार्य उनकी प्राथमिकता 

गांव के समाजसेवी गुरसेवक ¨सह का कहना हैं कि गांव में स्वच्छता अभियान शुरू रखना और सभी सार्वजनिक स्थानों की सफाई व्यवस्था कायम रखना उनकी प्राथमिकता है। -सुधार की आवश्यकता

समाजसेवी पाल ¨सह का कहना हैं कि ग्राम सुधार की दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हम सोचते हैं कि अभी तक पूरे गांव ने मिलकर सिर्फ 25 फीसदी काम किया हैं, बहुत से काम बाकी पड़े हैं। -सभी घरों को की सफेदी

गांव के सभी घरों को सफेद रंग से सुदंर बनाया गया हैं और सभी घरों के आगे नाम और पते की प्लेटें लगाई गई हैं, जिसमें गावों के लोगों ने मिलकर खर्च किया हैं।

-जागरूक करने हेतु पें¨टग

गांव में समाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूक करते चित्र बनाए गए हैं। गांव में किसी भी तरह की इश्तिहारों पर पूर्ण रूप में पाबंदी लगाई गई है।


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