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मिनी लाकडाउन में रुकी शादियां, कारोबार ठप

मिनी लाकडाउन लागू होने से अप्रैल और मई में होने वाली शादियां रुक गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 05:34 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 05:34 AM (IST)
मिनी लाकडाउन में रुकी शादियां, कारोबार ठप
मिनी लाकडाउन में रुकी शादियां, कारोबार ठप

गुरप्रेम लहरी बठिडा

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मिनी लाकडाउन लागू होने से अप्रैल और मई में होने वाली शादियां रुक गई। हालांकि कुछ परिवारों में शादियां हुई भी, लेकिन छोटे से समागम में। बड़े आयोजन और शादियां रद होने से जिले में करोड़ों का व्यापार प्रभावित हुआ है। यदि यही स्थिति रही तो व्यापार को होने वाले नुकसान का आंकड़ा और बढ़ सकता है। बहुत सारे कारोबारी शादी समारोह पर ही निर्भर रहते हैं। इनमें मेरिज पैलेस संचालक, कैटरर्स, फोटोग्राफर्ज,बैंड-बाजे वाले, फ्लावर डेकोरेशन से जुड़े लोग, घोड़ा-बग्गी वाले, उपहार सामग्री, ज्वेलरी, कपड़ा व्यापारी भी प्रभावित हो रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। यहां तक कि उनके खर्चे भी नहीं किल रहे हैं। उनके साथ कई कर्मचारी जुड़े होते हैं, जिन्हें वेतन आदि न मिलने से उन्हें भी काफी परेशान होना पड़ रहा है। बठिडा जिले के लगभग हर एक गांव में इन दो महीनों में लगभग पांच-पांच शादियां तय हुई, लेकिन कोरोना के कारण वे शादियां या तो ही नहीं सकी या फिर परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में ही ये शादियां सपंन्न हो गई। इसके कारण शादी से जुड़ा हर कारोबार प्रभावित हुआ है। मेरिज पैलेस: कमाई निल, खर्चे फुल

बाहिया रिजार्ट के मालिक बिक्रमजीत सिंह बाहिया ने बताया कि सरकार द्वारा लाकडाउन लगाने के बाद सभी मेरिज पैलेस मालिकों की हालत खस्ता हो गई है। हमें खर्चे पूरे ही पड़ रहे हैं और कमाई कोई हो नहीं रही। बिजली के भी मिनिमम चार्जेज पालिसी होने के कारण ज्यादा बिल आ रहे हैं। इस कारण सभी पैलेस मालिक निराशा के आलम में हैं। अगर छोटी सी बस में 50 फीसद नियम के तहत 30 सवारियां सफर कर सकती हैं तो एकड़ों में फैले पैलेसों में 100-50 लोगों का ईक्ट्ठ क्यों नहीं किया जा सकता। ज्यूलर्स : नहीं हो रही गहनों की बिक्री

जौड़ा ज्यूलर्स के मालिक करतार सिंह जौड़ा ने कहा कि शादी समागम न होने के कारण सोने के गहनों की बिक्री नहीं हो रही। जो समागम हो भी रहे हैं उनमें भी ज्यादा गहनों की खरीद नहीं की जा रही। सिर्फ दूल्हा व दुल्हन के ही गहने बनाए जा रहे हैं जबकि अन्य रिश्तेदारों को सम्मानित करने के गहने नहीं बनाए जा रहे। हलवाई: 10 लोगों के समागम में बिक रही सिर्फ 30 किलो मिठाई

हलवाई जेठा राम ने बताया कि अप्रैल व मई माह में हमारे यहां शादियां ज्यादा होती हैं। उनके पास इन दो महीनों में 12 शादियों की एडवांस बुकिग थी। इनमें से 10 शादियां रद हो गई जबकि दो शादियों में महज 30-30 किलो मिठाई ही लगी। अब आगे सीजन चला जाएगा,ऐसे में हमारे काम से जुड़े लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बैंड बाजा: 10 लोगों में कोई नहीं बजवाता शहनाई

फौजी बैंड संचालक मुखदेव सिंह ने कहा कि लाकडाउन में महज दस लोगों के ईक्ट्ठ को अनुमति दी गई है। ऐसे में दस लोगों की मौजूदगी में शहनाई कौन बजवाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे साथियों का अब घर भी नहीं चल रहा। सांउड : मार्च 2020 से नहीं हुई कोई बुकिंग

जस सांउड के मालिक जसबीर सिंह ने बताया कि शादियां व अन्य समागम न होने के कारण कोई भी सांउड को बुक नहीं कराता। पहले सीजन में उनके पास एक माह में 30 से 40 प्रोग्राम बुक होते थे लेकिन इस बार बिलकुल फ्री बैठे हैं। मार्च 2020 से अब तक एक भी बुकिग नहीं हुई है। प्रिटिग प्रेस: शादी के कार्ड नहीं छपवा रहे लोग

सिगनेचर प्रिटिग प्रेस के संचालक राजा ने बताया कि इस बार लॉकडाउन के होने से काफी कार्य प्रभावित हुआ है। शादी समागम के कारण ही विशेष तौर पर छपाई का काम होता है। जो इस कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते प्रभावित हुआ है। इसके अलावा स्कूल कालेज भी बंद हैं और प्रिटिग प्रेसों में काम न के बराबर ही है। राशन: छोटे समागम में नहीं होती बड़ी बिक्री

अर्जुन स्टोर के मालिक अर्जुन कुमार ने बताया कि शादी समागम बंद पड़े होने के कारण राशन की बिक्री कम हो रही है। जितना राशन आम घरों में एक साल में लगता है, उतना राशन एक सीजन में लग जाता था। लेकिन अब सभी प्रकार के समागम बंद होने के कारण बिक्री बहुत कम हो रही है और प्रचून बिक्रेता मंदी की मार झेल रहे हैं। फोटोग्राफी: 10 लोगों में मोबाइल से ही खींच रहे फोटो

फोटोग्राफर हरप्रीत सिंह ने बताया कि अब फोटोग्राफी काम बिल्कुल बंद हो गया है। जब शादियां ही नहीं हो रही तो फोटोग्राफी लोग किसकी करांएगे। शादी होती भी है तो 10 लोग इकट्ठे होते हैं। ऐसे में लोग खुद ही मोबाइल से फोटो खींच रहे है। सरकार को चाहिए कि 100 लोगों के ईक्ट्ठ की छूट दी जाए ताकि फोटोग्राफर्ज अपना जीवन बसर कर सकें।


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