बागियों ने अकाली राज में खूब सत्ता सुख भोगा : हरसिमरत
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शनिवार को ब¨ठडा में 925 करोड़ रुपये की लागत से 170 एकड़ जमीन में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (एम्स) के चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया।
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शनिवार को ब¨ठडा में 925 करोड़ रुपये की लागत से 170 एकड़ जमीन में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (एम्स) के चल रहे निर्माण कार्य का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने संबंधित इंजीनियरों से बातचीत करते हुए जानकारी हासिल की। इस उपरांत संवाददाताओं से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंजाब में एम्स खुलने से पूरे राज्य को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं हासिल हो सकेंगी। राज्य में सत्ता परिवर्तन के चलते एम्स के कार्य को अंजाम तक पहुंचाने को विभिन्न मंजूरियां हासिल करने में अनेक अड़चनों का सामना करना पड़ा है।
फरवरी में ओपीडी शुरू
होने की पूरी उम्मीद
हरसिमरत ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार के कारण इस प्रोजेक्ट में देरी हुई और अभी भी निर्माण कार्य धीमी गति के साथ चल पा रहा है। अभी भी राज्य सरकार की ओर से किए जाने वाले कई काम लटके हुए हैं। एम्स परिसर में अभी भी 66 केवी बिजली ग्रिड नहीं बन पाया है। लेकिन इन तमाम अड़चनों के बावजूद केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट का काम तेजी के साथ करने की कोशिश कर रही है। जल्दी ही निर्माण कार्य में और तेजी लाई जाएगी। उम्मीद है कि एम्स में फरवरी 2019 में ओपीडी शुरू कर दी जाएगी।
खुद गलती और अब केंद्र को लिख रहे हैं चिट्ठियां
हरसिमरत ने कहा कि धान की बुआई 20 जून से किए जाने के कारण ही धान में नमी की मात्रा बढ़ गई है। इसके चलते किसानों को अनाज मंडियों में परेशान होना पड़ रहा है। जबकि किसानों ने धान की बुआई देरी से कराने पर पहले ही राज्य सरकार को बता दिया था कि इससे नमी की मात्रा बढ़ जाएगी। लेकिन राज्य सरकार ने किसानों की कोई परवाह नहीं की और अपनी जिद पर अड़ी रही। अब कैप्टन अम¨रदर ¨सह केंद्र सरकार को नमी की मात्रा में छूट देने के लिए पत्र लिख रहे हैं। जबकि गलती उन्होंने खुद की है।
अकाली दल में उठ रहे बागी स्वरों पर टिप्पणी करते हुए हरसिमरत ने कहा कि जब राज्य में अकाली-भाजपा सरकार थी तो यही लोग सत्ता सुख भोगते रहे हैं। अब अगर उन्हें वरिष्ठ नेताओं से फैसलों से कोई परेशानी है तो उन्हें खुलेआम नहीं, बल्कि पार्टी के स्तर पर ही बात करनी चाहिए।