भक्त को भगवान से मिलाने का सरल उपाय है प्रार्थना: डा. राजेंद्र मुनि
जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि ने जैन स्थानक बठिडा से प्रस्थान करने के पूर्व जीवन में प्रार्थना का महत्व बतलाते हुए प्रार्थना को भक्त का भगवान से मिलने का सरलतम उपाय बताया।
जासं,बठिडा: जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि ने जैन स्थानक बठिडा से प्रस्थान करने के पूर्व जीवन में प्रार्थना का महत्व बतलाते हुए प्रार्थना को भक्त का भगवान से मिलने का सरलतम उपाय बताया। क्योंकि जप तप ज्ञान क्रिया के मार्ग में कठिनता का अनुभव होता है।
उन्होंने कहा कि प्रार्थना में शब्दों के साथ मन जुड़ जाता हो तो अल्प श्रम मे भारी लाभ की प्राप्ति होती है। हमारी प्रार्थना आज कल के समयनुसार हृदय की कम व शब्दों की अधिक होती है। एक समय था जब प्रार्थना के लिए चुप मे चुप समय अर्थात मौन से प्रभु की प्राप्ति होती थी, ज्ञान मार्ग मे ज्ञान की अधिकता, जप मार्ग मे जप की अधिकता क्रिया मार्ग मे क्रिया की अधिकता का महत्व बतलाया गया, जबकि प्रार्थना में भक्ति की प्रचूरता को महत्व दिया। जिसमें लौ मे लौ रूह मे रूह समा जाता है। मीरा सूरदास आदि भक्तों ने प्रार्थना से ही मोक्ष को प्राप्त किया था। उपरोक्त विचार स्थानक मे व्यवत करने के पश्चात् मुनि जी का मंगलमय शोभा यात्रा के साथ पुरषोत्तम जैन के निवास स्थान पर आगमन हुआ। जहां साहित्यकार सुरेन्द्र मुनि द्वारा जीवन में शांति हेतु नवग्रह दोष निवारण का विशेष जाप आयोजित किया गया व गुरुदेव द्वारा मंगल पाठ प्रदान किया गया। दोपहर को समाजसेवी प्रमोद जैन के निवास स्थल पर ससंघ पदापर्ण हुआ, आगनतुक समाज को मुनिजी ने धर्म बल का स्वरूप समझाते हुए कहा संसार के समस्त बल नाकाम होने पर अंत मे अरिहंत सिद्ध स्वरूप धर्म बल ही काम आता है। महामंत्री उमेश जैन द्वारा विशेष सूचनाएं प्रदान कर दिनांक 21 नवंबर दिन रविवार को मुनि जी विहार कर भुच्चो मंडी स्तिथ संतोषी माता मन्दिर मे पधारेंगे।