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दो साल के बाद फूड सैंपलों की जांच करना शुरू करेगी लेबोरेट्री

महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में खाने पीने की वस्तुओं की परखने व जांच की प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट फूड टेस्टिग लैबोरेट्री स्थापित की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 12:49 AM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 06:24 AM (IST)
दो साल के बाद फूड सैंपलों की जांच करना शुरू करेगी लेबोरेट्री
दो साल के बाद फूड सैंपलों की जांच करना शुरू करेगी लेबोरेट्री

जागरण संवाददाता, बठिडा : महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में खाने पीने की वस्तुओं की परखने व जांच की प्रक्रिया शुरू करने के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट फूड टेस्टिग लैबोरेट्री स्थापित की जा रही है। यूनिवर्सिटी में स्थापित होने वाली लैब में खाने पीने की वस्तुओं को उनके पौष्टिक मूल्य के लिए प्रमाणित व मिलावटखोरी की जांच की जाएगी। इसके साथ किसानों, उद्योगपतियों, घरेलू उद्योग, छोटे व मध्यम वर्ग के व्यापारी जो भोजन का कारोबार करते हैं, उनको इसका लाभ मिलेगा। एमआरएस पीटीयू बठिडा के फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को फूड प्रोसेसिग उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा फूड टेस्टिग लैबोरेट्री स्थापित करने के लिए मंजूरी दी जिस पर 253.12 लाख खर्च किए जाएंगे। प्रोजेक्ट का उद्देश्य सुरक्षित पौष्टिक खुराक प्रदान करना है। वहीं यूनिवर्सिटी ने इसके लिए टेस्टिग प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। प्रोजेक्ट को 2 साल में पूरा कर लिया जाएगा। जबकि टेस्टिग व कैलिब्रेशन लैबोरेट्रीज के सर्टिफिकेट के लिए राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इसको लेकर डॉ. संधू ने बताया कि फूड की जांच के लिए यह लैबोरेट्री महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। जबकि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा खाद्य पदार्थो से संबंधी नियम बहुत सख्त कर दिए हैं। इसके मद्देनजर फूड प्रोसेसिग कारोबार से जुड़े उत्पादों की जांच करवानी जरूरी होती है। इसके लिए यह लेबोरेट्री फूड प्रोसेसिग उद्योग को राष्ट्रीय व विश्व स्तर पर मुकाबला करने में सहायक साबित होगी।

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समय की होगी बचत

यूनिवर्सिटी के फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के मुखी डॉ. कमलजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि फूड टेस्टिग सुविधा स्थापित करने के लिए फूड प्रोसेसिग उद्योग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। इस लैब के यहां पर स्थापित होने से सैंपल का कम से कम समय में विश्लेषण कर रिपोर्ट दी जाएगी, जिसके साथ समय की बचत होगी। इसके साथ में लोगों को भी सुविधा मिलेंगे।

लैब में यह होंगे यत्र

सहायक प्रोफेसर राजवीर कौर व पीएचडी रिसर्च स्कॉलर गुरजिदर कौर सिद्धू ने बताया कि इसमें क्रोमेटोग्राफी, हाई परफॉर्मेस लिक्विड क्रोमेटोग्राफी, इंड क्वालिटी कपल्ड प्लाजमा, ऑप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर, फोरियर ट्रांसफार्मर इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर, अल्ट्रावॉयलेट विजिबल स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, रोटरी इवेपोर्टर आदि यंत्र होंगे। यह उपकरण कीटनाशक, जहरीली, भारी धातु, पौष्टिक तत्व, जरूरी धातु, एंटी ऑक्सीडेंट्स, विटामिन, अमीनो एसिड आदि की मात्रा के बारे में कच्चे व प्रोसेस किए जाने वाले भोजन का पता लगाएंगे।


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