पराली के मुद्दे पर केजरीवाल बोले, इसके प्रबंधन का दावा हुआ खोखला साबित
अरविंद केजरीवाल ने वीरवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। कहा, पराली प्रबंधन पर केंद्र सरकार का दावा जुमला साबित हो रहा है।
जाटी, संगरूर/बठिंडा। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने वीरवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। कहा, पराली प्रबंधन पर केंद्र सरकार का दावा जुमला साबित हो रहा है। केंद्र सरकार पराली प्रबंधन के लिए किसानों को सब्सिडी देने का दावा कर रही, लेकिन यह जमीनी हकीकत दूर है।
पराली जलाने से दिल्ली में पड़ने वाले प्रभाव के सवाल पर कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन से मुलाकात की थी। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि किसानों को सब्सिडी प्रदान करके पराली जलाने से रोका जाएगा। मगर, यह बेहद दुख की बात है कि केंद्र सरकार व पंजाब की राज्य सरकार किसानों को सब्सिडी देने में नाकाम रही है। दूसरी तरफ सरकार किसानों को पराली न जलाने के लिए नादरशाही फरमान सुना रही है।
वह बठिंडा (देहाती) हलका से पार्टी की विधायक रूपिंदर कौर रुबी के शादी समागम में शिरकत करने के लिए आए थे। इससे पहले रेलवे स्टेशन पर सांसद भगवंत मान, विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल चीमा व अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। उनके साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी उनके साथ थे। उधर, पंजाब में दो फाड़ चल रही आम आदमी पार्टी के बारे में पूछे गए सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि हम सभी एकजुट हैं और जल्द ही एक हो जाएंगे। हर किसी का मनमुटाव जल्द ही दूर कर लिया जाएगा और पंजाब में पार्टी दोबारा से एकजुट होकर उभरेगी।
बेअदबी कांग्रेस व शिअद की मिलीभगत का नतीजा
उधर, बठिंडा पहुंचने पर केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी कांग्रेस पार्टी व अकाली दल की मिलीभगत का ही नतीजा है। पंजाब सरकार की ओर से बनाए जस्टिस रणजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट में बेअदबी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को आरोपित करार दिया गया है। मगर एफआइआर में बादलों का नाम तक दर्ज नहीं किया गया। इससे साबित होता है कि यह सब कांग्रेस व अकाली दल मिलीभगत से ही हो रहा है।
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनावों से पहले किए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया। इसके तहत कर्जा माफी, घर घर रोजगार, पेंशन की रकम में बढोतरी, नौजवानों को मोबाइल फोन, बेरोजगारों को भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन इनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ। पंजाब के लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
अध्यापकों के हक में उतरे आप संयोजक, कहा सरकार को आनी चाहिए शर्म
संगरूर में पत्रकारों से बातचीत में केजरीवाल ने कहा कि कि दिल्ली सरकार ने सिरकारी स्कूलों के अध्यापकों को रेगुलर करके उनका वेतन 17000 से बढ़ाकर 34 हजार रुपये प्रति माह कर दिया है, जबकि पंजाब में कैप्टन सरकार ने अध्यापकों का वेतन 45 हजार रुपये से घटाकर 15 हजार करने का बेहद निंदनीय फरमान सुनाया है। ऐसे में जो अध्यापक अपना घर नहीं चला पाएंगे, वह बच्चों को क्या खाक पढ़ाएंगे। ऐसा फैसला करने पर कैप्टन सरकार को शर्म आनी चाहिए। केजरी ने कहा दिल्ली में सरकारी स्कूलों की हमने नुहार बदलकर रख दी है। जहां सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर सुविधाएं प्रदान की गई है, वहीं प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों का परिणाम भी बेहतर आ रहा है।
सिर्फ प्रदर्शन की जगह बदली : मान
उधर संगरूर में सांसद भगवंत मान ने पत्रकारों से कहा कि पंजाब में अभी भी कुछ नहीं बदला है। अकाली-भाजपा सरकार के समय में अध्यापक, मजदूर, मुलाजिम व किसान बठिंडा में प्रदर्शन करते थे और अब कांग्रेस के राज में पटियाला में कर रहे हैं। केवल प्रदर्शन की जगह ही बदली है, बाकी पंजाब की स्थिति पहले जैसे ही है।
नवविवाहित दंपती रुबी व साहिल पुरी।
केजरीवाल ने दी रूबी को बधाई
केजरीवाल ने रुबी को विवाह बंधन में बंधने पर बधाई दी। रूबी की शादी सेहत विभाग में तैनात ब्लॉक हेल्थ एजुकेटर साहिल पुरी के साथ हुई है। शादी में मनीष सिसोदिया भी विशेष तौर पर पहुंचे। विधायक रुबी व साहिल पुरी दोनों बठिंडा शहर के ही रहने वाले हैं। दोनों ने एक ही कॉलेज में पढ़ाई की। पंजाब के विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले विधायक रुबी बठिंडा के एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर तैनात थीं, जबकि साहिल पुरी हिंदी अखबार के पत्रकार थे। कुछ समय पहले ही साहिल पुरी की सेहत विभाग में नियुक्ति हुई थी।