3.37 करोड़ रुपये का सिगल आउटडोर मीडिया का टेंडर दो माह बाद ही अधर में
नितिन सिगलाबठिडा कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन व कफर्यू का असर प्राइवेट ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों की आमदनी पर भी पड़ा है।
नितिन सिगला, बठिडा
कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन व कर्फ्यू का असर प्राइवेट ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों की आमदनी पर भी पड़ा है। दो साल की जद्दोजहद के बाद नगर निगम बठिडा की तरफ से मार्च में 3.37 करोड़ रुपये की लागत से जारी किया गया सिगल आउटडोर मीडिया के टेंडर को ठेकेदार ने बीच में छोड़ दिया है। यह टेंडर कन्हैया एडवटाइजर्स ने सबसे अधिक बोली 3.37 करोड़ रुपये देकर हासिल किया था। लंबे समय की सफलता के बाद इतनी बड़ी आमदनी के साथ सिगल ठेकेदार मिलने पर निगम ने भी देरी न करते हुए 19 मार्च 2020 को इसका वर्क आर्डर भी जारी कर दिया था, लेकिन वर्कआर्डर जारी होने ठीक तीन दिन बाद प्रदेश में लॉकडाउन व कर्फ्यू लागू हो गया था। ठेकेदार की तरफ से निगम को लिखे गए पत्र में टेंडर बीच में ही छोड़ने का कारण इस टेंडर को लेकर हाईकोर्ट में दायर किया गया केस बताया है, लेकिन असल कारण यह है कि लॉकडाउन के दौरान काम बंद होने के कारण उसने निगम को इन दो माह की किश्त में राहत देने की मांग उठाई थी, लेकिन निगम ने उसे कोई भी छूट न देते हुए किश्तें निगम को जमा करवाने के लिए कहा था, जिसके चलते ठेकेदार ने करीब 46 लाख रुपये की किश्त नहीं भरने पर असमर्थता जताते हुए यह टेंडर बीच में छोड़ने का फैसला लिया है। ठेकेदार की तरफ से बीच में टेंडर छोड़ने के चलते निगम ने उसके खिलाफ बनती कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि निगम ठेकेदार की तरफ से एडवांस में जमा करवाई गई आनरस मनी जब्त की जाएगी।
गौरतलब है कि निगम ने पूर्व साल के मुकाबले इस साल 37 लाख रुपये की बढ़ोतरी के साथ पूरे आउटडोर मीडिया का कांट्रेक्ट सात सालों के लिए कन्हैया एडवटाइजर्स को जारी किया। निगम को अब आउटडोर मीडिया से हरसाल करीब 3.37 करोड़ रुपये की आमदनी होनी थी, जबकि पिछले साल यह आउटडोर मीडिया करीब छह कांट्रेक्टरों के पास था और निगम को हर साल करीब तीन करोड़ रुपये की आमदन हो रही थी, लेकिन स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से लुधियाना की तर्ज पर बठिडा निगम को भी अपना पूरा आउट डोर मीडिया का अलग-अलग टेंडर जारी करने की जगह एक ही टेंडर जारी करने के आदेश दिए थे, ताकि एक कंपनी इसे खरीद सके और निगम को अच्छी आमदनी भी हो सके। निगम पहले भी सिगल टेंडर जारी करने की कर चुका असफल कोशिश बताते चले कि निगम को आउटडोर मीडिया से हर साल करीब पौने तीन करोड़ रुपये की आमदन हो रही थी। वहीं वर्क आर्डर जारी होने से पहले कुछ ठेकेदारों ने इस टेंडर को लेकर हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया था, जिसकी सुनवाई अभी चल रही है। इस मामले की पहले सुनवाई अप्रैल में थी, लेकिन कोर्ट बंद होने के कारण अब इसकी सुनवाई जुलाई में होनी है।
कोट्स
मामला कोर्ट में विचारधीन होने के कारण उन्हें यह टेंडर छोड़ा है।
-दीपक सिगला, एमडी, कन्हैयां एडवटाइजर्स