मेडिकल कॉलेजों की फीस वृद्धि का विरोध, आइएमए ने अस्पतालों के बाहर काले झंडे लगाकर जताया रोष
पंजाब सरकार की तरफ से मेडिकल कॉलेजों की फीसों में की गई बढ़ोतरी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर आइएमए बठिडा इकाई ने पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इसके तहत जिले के सभी प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों के बाहर काले झंडे लगाकर सरकार के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया।
जासं,बठिडा : पंजाब सरकार की तरफ से मेडिकल कॉलेजों की फीसों में की गई बढ़ोतरी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर आइएमए बठिडा इकाई ने पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इसके तहत जिले के सभी प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों के बाहर काले झंडे लगाकर सरकार के खिलाफ अपना रोष जाहिर किया। कॉलेजों
आइएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला प्रधान डा.विकास छाबड़ा ने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों व अभिभावकों की जेबों में जहां डाका डाल रही हैं। सरकारी संस्थानों खासकर मेडिकल कॉलेजों में आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के बच्चे दाखिला लेते हैं व सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी फीसे बढ़ाकर निम्न वर्ग के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का काम किया है। उन्होंने सरकार ने इस लोक विरोधी फैसले को बिना किसी देरी के वापिस लेने की मांग की है। डॉ. छाबड़ा ने कहा कि सरकार एजुकेशन को प्रमोट करने का दावा कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ मेडिकल एजुकेशन में इस तरह के कदम उठा उसे समाप्त करने की साजिश रच रही है। इससे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने सरकार से बढ़ाई गई फीसों को बिना किसी देरी के रद्द करने की मांग की है वही ऐसा नहीं करने पर समूह संगठनों के साथ मिलकर राज्य भर में आंदोलन करने की चेतावनी दी है। वहीं आइएमए बठिडा के कोषाध्यक्ष दीपक बांसल ने कहा कि एक तरफ कोरोना वायरस के कारण पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहीं दूसरी तरफ सरकार की तरफ से छात्रों को राहत देने की बजाय उनपर बिना कारण लाखों रुपये का अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। पंजाब में जहां डॉक्टरों की पहले ही भारी कमी है, वही अब फीसों में की गई बढ़ोतरी का डाक्टरी पेशे पर भी विपरित असर पडेगा व छात्र डाक्टरी की शिक्षा हासिल करने से गुरेज करेंगे। कोविड के कारण उत्पन्न स्थिति में सरकार की तरफ से उठाया गया कदम जहां समाज विरोधी है और शिक्षा के खिलाफ है।