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आइएमए ने क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट का किया विरोध

आज मानसा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) पंजाब के आह्वान पर जिले के समूह डॉक्टरों द्वारा एकत्र होकर क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट बिल जैसे काले कानून के विरोध में एक दिन की संपूर्ण हड़ताल रखी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 12:06 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 12:06 AM (IST)
आइएमए ने क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट का किया विरोध

जासं,मानसा : आज मानसा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) पंजाब के आह्वान पर जिले के समूह डॉक्टरों द्वारा एकत्र होकर क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट बिल जैसे काले कानून के विरोध में एक दिन की संपूर्ण हड़ताल रखी। जिसमें समूह डॉक्टरों की ओर से इमरजेसी सेवाएं भी ठप्प रखी। व पंजाब सरकार के खिलाफ रोष जताया।

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मंगलवार को मानसा होटल रोमांजा इन में एकत्र हुए जिले के समूह निजी डॉक्टरों ने सोशल डिस्टेंस रखते व आईएमए मानसा के प्रधान डॉ. रंजीत सिंह राय की अगुवाई में सरकार खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।

इस मौके डॉक्टर जनक राज ने कहा कि सरकार की ओर से निजी डॉक्टरों पर हमले हो रहे है,जिस तहत सरकार की ओर से क्लीनिकल इस्टेबलिशमेंट एक्ट बिल लाया जा रहा है। जोकि बिलकुल उनके खिलाफ जाता है, जिसका वह पूर्ण तौर पर विरोध करते है।

डॉ.निशान सिंह कौलधर ने कहा कि सरकार की ओर से निजी डॉक्टरों के काम में बिना वजह दखल अंदाजी की जा रही है,जिसके चलते उनके यहां पर छोटे अस्पताल तो बंद होने की कगार पर खड़े है।

डॉ. केपी सिगला व डॉ. गुरबख्श सिंह चाहल तथा रमेश कटोदिया ने इस काले कानून को डॉक्टर व लोक विरोधी बताया। डॉ.शेर जंह सिंह सिद्वू ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से पंजाब में एमबीबीएस की शिक्षा हासिल करने तहत फीस में भारी वृद्धि कर दी है, मगर अन्य राज्यों में यह फीस तीन गुणा कम है। ताकि पंजाब निवासी डॉक्टर बनने के इच्छुक व डॉक्टरों के बच्चों को मेडिकल शिक्षा से वंचित रहे।

डॉ. सुनीत जिदल ने कहा कि हमारी जत्थेबंदी की ओर से सरकार को अपनी मांगों बारे लिखित रूप में ज्ञापन दिया गया है,मगर सरकार पर इस पर आज तक चुप्पी समझ से परे है। जिसके चलते आज उन्होने एक दिन की पूरी हड़ताल रखी गई जिसमें पूरा दिन समूह डाक्टर्स ने इमरजेंसी सेवाएं के साथ साथ बाकी सेवाएं बंद रखी है। ताकि सरकार को नींद से जगाया जा सके।

इस मौके आइएमए के डॉक्टरों में से डॉ. जनक राज, डॉ. सुरेश सिगला, डॉ. गुरबख्श सिंह चाहल, डॉ.सुनीत जिदल, डॉ.निशान सिंह कौलधर, डॉ. तेजिदरपाल सिंह रेखी, डॉ. हरपाल सिंह सरां, डॉ. सुखदेव डुमेली, डॉ. इंदरपाल सिंह व डॉ. रमेश कटोदिया, डॉ. सतपाल बांसल, डॉ.इंद्रपाल सिंह, डॉ. नरेश बांसल, डॉ. राजिदर गर्ग, डॉ. अशोक कांसल, डॉ. पवन बांसल, डॉ. कुलवंत सिंह, डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. विजय सिगल, डॉ. हरमन सिंह चाहल, डॉ. मनोज गोयल, डॉ. रजनीश सिद्वू, डॉ. अनिल गर्ग भीखी, डॉ. राघव अरोड़ा, डॉ. अकाशदीप, डॉ. गुप्ता बुढलाडा व डॉ. पवन गर्ग मौड़ मंडी भी मौजूद थे।

मरीज हुए परेशान

इस मौके पर आइएमए के समूह डॉक्टरों की ओर से एक दिन की हड़ताल पूर्ण तौर पर कामयाब रही। जिसके चलते सभी डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं पूरा दिन बंद रखी ,जिसमें आपातकालीन सेवाएं भी शामिल है। तथा उनकी चौखट पर आने वाले मरीज अपने इलाज के लिए तड़पते देखे गए।

ऐसे में मानसा के लिक रोड पर स्थित डॉ. पंकज शर्मा के पास गांव जवाहरके निवासी मुख्तयार कौर अपने घुटनों की दवा लेने आई थी, उसे इलाज नहीं मिला। शहर के सरकारी अस्पताल के पास बने डॉ. मलकीत सिंह कौलधर अस्पताल में दवा लेने आई गांव चकेरियां निवासी महिला गुरमीत कौर को भी आज इलाज नहीं मिल पाया उसके बेटे के पेट में दर्द की शिकायत थी।

इसी प्रकार डॉ. अकाशदीप अस्पताल के पास से दवा लेने आए दंपती गुरजीत सिंह व उसकी पत्नी मेलो कौर को भी इलाज के बिना वापिस जाना पड़ा। जबकि सरकारी अस्पताल के विभिन्न वार्डों की ओपीडी में करीब दस प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जिसमें आंख, नाक, कान व गला शामिल है।

जबकि इस बारे में निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की ओर से आईएमए तहत एक प्रेस नोट जारी कर पहले ही पंजाब सरकार को सूचित कर दिया था, कि इस हड़ताल को लेकर होने वाली परेशानियों के लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी।


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