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सेहत विभाग नहीं कर रहा सैंपलिग, सोच समझकर खाएं आइसक्रीम

क‌र्फ्यू के दौरान पूरी तरह से बंद रहे बाजारों के कारण घर के बने खाने से लोगों को तंदरुस्ती का एहसास हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 04:47 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 06:14 AM (IST)
सेहत विभाग नहीं कर रहा सैंपलिग, सोच समझकर खाएं आइसक्रीम

जागरण संवाददाता, बठिडा :

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क‌र्फ्यू के दौरान पूरी तरह से बंद रहे बाजारों के कारण घर के बने खाने से लोगों को तंदरुस्ती का एहसास हुआ है। इस कारण लोग अपने खानपान के प्रति काफी सचेत हुए हैं। अब बाजारों के खुल जाने के बाद भी लोग खानपान के प्रति एहतियात बरत रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद चल रहे कोरोना काल के दौरान खानपान की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। गर्मी के मौसम में बड़ी संख्या में लोगों की ओर से आइसक्रीम का सेवन किया जाता है। लेकिन क‌र्फ्यू और लॉकडाउन के बाद से जिले भर में सैंपलिग का कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रमेश महेश्वरी बताते हैं कि किसी भी वस्तु की गुणवत्ता सैंपलिग से ही जांची जा सकती है। लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर बेशक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चेकिग का काम निरंतर किया जा रहा है, लेकिन खरड़ के लिए कोई ट्रांसपोर्ट की सुविधा न होने के कारण सैंपलिग नहीं की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खानपान की वस्तुओं के लिए गए सैंपलों कों जांच खरड़ स्थित मोहाली लैब में अगले दिन सुबह बस से भेजा जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। चार दिन पहले टीम की ओर से शहर में स्थित एक दर्जन आइसक्रीम फैक्ट्रियों में जांच की गई तो कई स्थानों पर बीते मार्च में तैयार किया हुआ माल बरामद हुआ। इस दौरान कई स्थानों से माल नष्ट तो कर दिया गया, लेकिन सैंपलिग नहीं की गई। आइसक्रीम तीन माह में ही खाने योग्य होती है। अमरीक सिंह रोड स्थित एक फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में आइसक्रीम को नष्ट किया गया। इसी तरह ग्रोथ सेंटर स्थित आइसक्रीम की फैक्ट्रियों में भी चेकिग की गई थी। कई स्थानों पर मार्च की पैकिग पाई गई। कुछ लोग इस आइसक्रीम को नई पैकिग में भी सेल करके उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर सकते हैं। ऐसे में इसके प्रति बेहद सचेत रहने की जरूरत है। खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थो का इस्तेमाल न करें : डॉ. रमेश महेश्वरी

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रमेश महेश्वरी के अनुसार लोगों को अपने स्वास्थ्य के मद्देनजर खुली चीजों का बिलकुल प्रयोग नहीं करना चाहिए। पैकेट बंद चीजों की एक्सपायरी डेट की बजाय, उसकी मैन्युफैक्चरिंग डेट देखकर ही खरीददारी करनी चाहिए। फ्रैश मैन्युफैक्चरिंग डेट होने पर ही उसे खरीदें। लोगों को बाहर के खाने से गुरेज करना चाहिए।


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