केंद्र सरकार ने दी मुफ्त मशीनें, ताकि किसान न जलाएं पराली
पराली को आग लगाए जाने के कारण गत वर्ष पैदा हुए हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता लिया है।
साहिल गर्ग, ब¨ठडा : पराली को आग लगाए जाने के कारण गत वर्ष पैदा हुए हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता लिया है। इसके चलते पंजाब के 80 गांवों का चयन किया गया है, जहां ट्रायल बेस पर पराली को जमीन में दबाने के लिए मशीनें लगाकर किसानों को जागरूक किया जाएगा। इसके लिए मुफ्त मशीनें मुहैया करवाई गई हैं, जिनको केवीके व खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारी अपनी निगरानी में पराली का प्रबंध करेंगे। केंद्र सरकार द्वारा चुने गए गांवों में एक हैप्पी सीडर, चौपर, रोटावेटर आदि मुफ्त मुहैया करवाए गए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को 665 करोड़ रुपये की ग्रांट भी जारी की है। इसी के चलते बुधवार को डीसी परनीत ने केवीके ब¨ठडा से हैप्पी सीडर लगे ट्रैक्टरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनके द्वारा विभिन्न गांवों में जाकर पराली को जमीन में दबाने का प्रबंध किया जाएगा।
इस साल केंद्र ने शुरू किया मशीनों का डेमो
केंद्र सरकार द्वारा चुने गए जिले के चार गांवों कोठे रथड़ियां मेहराज, पूहला, बाठ व जैदा में पराली के हल के लिए किए जा रहे प्रयासों की हर रोज रिपोर्ट केवीके के अधिकारी प्रधानमंत्री दफ्तर को भेज रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि उक्त चुने गए गांवों में कोई भी किसान पराली को आग न लगाए। इस बार यह स्कीम अगर कामयाब होती है तो अगले साल केंद्र सरकार द्वारा अन्य गांवों में ऐसी ही पराली संभाल की मशीनों को मुहैया करवा सकती है। जबकि गांव के करीब 175 एकड़ एरिया में केवीके द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई है। वहीं किसानों को पराली को खेतों में दबाने की जानकारी भी दी जा रही है। इसके अलावा बिजाई के लिए खेत को तैयार करने के बाद नजदीकी गांवों के किसानों को भी इसका दौरा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
500 एकड़ से ज्यादा रकबे
में दिया जाएगा डेमो
केवीके के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. ज¨तदर ¨सह बराड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री दफ्तर द्वारा चुने गए पंजाब के 80 गांवों में एक हैप्पी सीडर, चौपर, रोटावेटर व उलटे हल मुफ्त दिए गए हैं। इसके तहत ब¨ठडा के चार गांवों कोठे रथडियां मेहराज, पूहला, बाठ व जैदा का चुनाव किया गया है। उक्त मशीनरी गांवों के किसानों की कमेटियां बनाकर सुपुर्द कर दी गई है। इसके चलते हर गांव में 175 एकड़ रकबे में डेमो दिए जाएंगे और 500 से ज्यादा एकड़ का रकबा कवर किया जाएगा। यहां तक कि खेतीबाड़ी अधिकारी खुद इनकी देखरेख करेंगे। जबकि विभाग द्वारा हर रोज इसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री दफ्तर को भेजी जा रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार की उक्त स्कीम क्रॉप रिसीड्यूज मैनेजमेंट स्कीम तहत गांवों में वाल पें¨टग भी करवाई जा रही है।
महंगी होने के कारण मशीनरी किसानों की पहुंच से बाहर
पराली के हल के लिए प्रयोग की जाने वाली मशीनरी महंगी होने के कारण किसानों की पहुंच से बाहर है। बेशक पंजाब सरकार ने पराली की संभाल के लिए किसानों को उक्त मशीनरी पर 80 फीसदी सब्सिडी देने का भी एलान किया है। लेकिन जिन किसानों ने मशीनरी खरीदी है उनको अभी तक सब्सिडी नहीं मिली। दूसरा खेतीबाड़ी विभाग के पास अभी तक किसानों की मांग के अनुसार सब्सिडी वाली मशीनरी मौजूद नहीं है। जबकि जिले के भगता भाइका के चानी एग्रो ने पिछले साल 350 चौपर बेचा था, जो इस बार अब तक 300 बिक चुका है। इसकी कीमत 1 लाख 85 हजार रुपये है। इसी प्रकार जानी एग्रो ने इस साल 100 रोटावेटर बेचा है, जिसकी कीमत 85 हजार रुपये है।