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इलाज की जगह अस्‍पताल करते रहे रेफर, छह घंटे तक भटकने के बाद छात्रा की माैत

बठिंडा में आठवीं की एक छात्रा की स्‍कूल में अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे एक के बाद एक कई अस्‍पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज करने के बदले उसे रेफर किया जाता रहा। इससे उसकी मौत हो गई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 20 Jan 2018 12:52 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jan 2018 07:02 PM (IST)
इलाज की जगह अस्‍पताल करते रहे रेफर, छह घंटे तक भटकने के बाद छात्रा की माैत
इलाज की जगह अस्‍पताल करते रहे रेफर, छह घंटे तक भटकने के बाद छात्रा की माैत

जेएनएन, बठिंडा। जिले के बरकंडी में एक सरकारी मिडिल स्कूल में पढ़ रही आठवीं की छात्रा को खून की उल्टी हुई। उसे अस्‍पताल ले जाया गया, लेकिन अस्‍पताल इलाज की जगह उसे रफफर करते रहे। इस कारण समुचित इलाज नहीं मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया। उसे एक के बाद तीन अस्पताल उसे रेफर करते रहे। 

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स्कूल की मुख्य अध्यापिका वीरपाल कौर ने बताया कि स्कूल में गणित का पहला पीरियड चल रहा था। क्लास ले रही अध्यापिका ने उन्हें आकर जानकारी दी कि छात्रा परवीन कौर की हालत अचानक खराब हो गई है। परवीन ने अपनी सहपाठी छात्राओं से कहा कि उसकी बाजू सुन्न पड़ रही है। उसके कुछ ही देर बाद अचानक उसे खून की उल्टी आ गई। स्कूल के स्टाफ ने घटना के बारे में छात्रा के अभिभावकों को जानकारी दी।

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छात्रा को इलाज के लिए तत्काल गोनियाना स्थित सरकारी अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे बठिंडा सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। वहां मौजूद डॉक्टरों इलाज करने की बजाय उसे फरीदकोट मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। बच्ची को फौरन फरीदकोट पहुंचाया गया, मगर वहां भी उसका इलाज नहीं हुआ। फरीदकोट मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इलाज किए बगैर उसे चंडीगढ़ पीजीआइ अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। चंडीगढ़ ले जाते समय रास्ते में ही परवीन ने दम तोड़ दिया।

छात्रा के पिता जसपाल सिंह ने कहा कि यदि इन सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर उसकी बच्ची को आगे से आगे रेफर करने की बजाय उसका इलाज करने का थोड़ा प्रयास करते तो उसकी बच्ची की जान बच सकती थी। शुक्रवार शाम परवीन का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

वहीं, सीएमओ डॉ. एचएन सिंह का कहना है कि बच्ची के परिवार का रोष जायज है। जिस हालत में बच्ची को लाया गया था उसे मल्टीस्पेशलिस्ट अस्पताल की जरूरत थी, इसलिए उसे फरीदकोट रेफर किया गया था।

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