गैंगस्टर लाली सिधाना को चचेरे भाई की हत्या में उम्रकैद
चचेरे भाई के कत्ल में अदालत ने गैंगस्टर गुरलाल सिंह लाली सिधाणा को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, बठिडा : चचेरे भाई के कत्ल में अदालत ने गैंगस्टर गुरलाल सिंह लाली सिधाणा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उक्त गैंगस्टर को करीब छह माह पहले ही पुलिस ने गांव लहरा सौंधा से गिरफ्तार किया था। वह पिछले लंबे समय से कई केसों में भगोड़ा भी चल रहा था। फूल पुलिस ने 15 मार्च 2014 को गैंगस्टर गुरलाल सिंह लाली सिधाणा के खिलाफ अपने चचेरे भाई अमनदीप सिंह उर्फ अमना की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में केस दर्ज किया था। लेकिन लाली सिधाना हत्या के बाद फरार हो गया था। अदालत ने लाली सिधाणा के भाई को अदालत ने सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया था। लाली लंबे समय पुलिस से आंख मिचौली खेलता रहा। लेकिन करीब 6 महीने पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। उसकी गिरफ्तारी उस समय हुई जब है अपने ससुराल गांव लहरा धूरकोट में पहुंचा हुआ था। एडवोकेट हरपिदर सिंह सिद्धू ने बताया कि मृतक अमनदीप सिंह अमना के भाई जसवीर सिंह जस्सा ने पुलिस के पास बयान दर्ज करवाए थे कि उसका भाई अमना अपने एक अन्य साथी गुरप्रीत सिंह के साथ घर के ड्रायंग रूम में सोया हुआ था। 14-15 मार्च 2014 की रात को गुरलाल सिंह लाली ने ड्राइंग रूम के बाहर के दरवाजे को आग लगा दी। जिसे देखकर अमनदीप सिंह कमरे से बाहर निकला तो घात लगाए बैठे गुरलाल सिंह लाली ने अमनदीप सिंह पर गोली चला दी। लाली ने उसके भाई पर दो गोलियां चलाई। जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। उसे रामपुरा फूल के अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां से उसे बठिडा रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सेशन जज मोहम्मद गुलजार की अदालत ने मुद्दई पक्ष के वकील हरपिदर सिंह सिद्धू की दलीलों के साथ सहमत होते हुए गुरलाल सिंह लाली को उम्र कैद की सजा सुनाई।