Move to Jagran APP

वाहनों को माडिफाई कर बेचा जा रहा है फूड

शहर में कई जगह मिनी ट्रक से लेकर कार को माडिफाइड कर फास्ट फूड बेचा जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 10:19 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 10:19 PM (IST)
वाहनों को माडिफाई कर बेचा जा रहा है फूड
वाहनों को माडिफाई कर बेचा जा रहा है फूड

जागरण संवाददाता, बठिडा

loksabha election banner

शहर में कई जगह मिनी ट्रक से लेकर कार को माडिफाइड कर फास्ट फूड बेचा जा रहा है। इन माडिफाइड वाहनों का उपयोग डीजे आदि के लिए भी किया जा रहा है। इन्हें बिना फिटनेस व अनुमति के संचालित किया जा रहा है। बगैर अनुमति खुलेआम चल रही इन दुकानों पर आरटीए से लेकर ट्रैफिक पुलिस तक सब बेखबर हैं।

मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किसी भी वाहन में माडिफिकेशन करवाकर उसका कमर्शियल उपयोग करने की अनुमति नहीं हैं। वाहन की बाडी से लेकर किसी भी हिस्से में कोई भी परिवर्तन करने की इजाजत मोटर व्हीकल एक्ट में नहीं दी गई है। केवल फ्यूल में परिवर्तन की इजाजत एक्ट की यह धारा देती है। लेकिन शहर में इसका सरेआम उल्लंघन किया जा रहा है। दिन भर शहर की अलग-अलग सड़कों पर यह गाड़ियां फास्ट फूड बेचती नजर आ रही हैं। हैरानी की बात तो यह है कि गाड़ियां सड़क पर खड़ी रहती हैं व अफसर यहां से निकलते समय इन्हें देखकर भी अनदेखा कर देते हैं। जबकि यह सब समझ से परे है कि अब तक इस तरह के वाहनों के खिलाफ कार्रवाई किस कारण नहीं की गई।

दूसरी तरफ वाहनों को माडिफाई करने वालों का काम जिले में जोरों पर चल रहा है। वह लोगों की जरूरत के हिसाब से वाहन को माडिफाई कर देते हैं। इसकी एवज में पैसा भी वसूल किया जाता है, लेकिन वाहन को माडिफाई करने में कोई नियम ध्यान में नहीं रखा जाता। शहर में सबसे ज्यादा छोटा हाथी वाहन को खरीद कर उसको माडिफाई करवाया जा रहा है। जिस पर फास्टफूड का काम करने वाले लोग जगह जगह पर अपने वाहनों को खड़ा कर अड्डा बना लेते हैं। लेकिन ऐसे वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। यहां तक कि इनके कागजातों को भी पुलिस द्वारा चेक नहीं किया जाता। जबकि नियमों के अनुसार तो कंपनी की ओर से लगाए गए पा‌र्ट्स के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।

----------

महीने में आता है एक चालान

बठिडा के आरटीए दफ्तर के रिकार्ड के अनुसार वाहनों को माडिफाई कर चलाने वालों का महीने में एक चालान ही मुश्किल से आता है। जबकि इस चालान का जुर्माना भी पांच हजार रुपये तक का है। वहीं इस मामले में आरटीए सचिव हरजोत कौर का कहना है कि वाहनों को माडिफाई कर चलाना नियमों का उल्लंघन हैं। लेकिन पुलिस व आरटीए विभाग की ओर से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है।

-----------

साहिल गर्ग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.