कृषि सुधार कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी
किसान संगठनों के आह्वान पर एक अक्टूबर से शुरू हुआ संघर्ष तीसरे दिन भी जारी रहा।
जासं, बठिडा : केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए कृषि सुधार कानून के विरोध में प्रदेश के 31 किसान संगठनों के आह्वान पर एक अक्टूबर से शुरू हुआ संघर्ष तीसरे दिन भी जारी रहा। इसके तहत बठिडा रेलवे स्टेशन के पास मुल्तानिया ओवरब्रिज के नीचे रेलवे लाइनों पर धरना लगातार किसानों की पूरी हाजिरी के साथ जारी रहा। इस दौरान संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने कृषि सुधार कानून पास करके किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा और जुल्म किया है। इन कानून के जरिए खेती फसलों की कीमतें बहुत कम रह जाएंगी। फसलों की जमाखोरी करने के साथ देश के प्रत्येक वर्ग को अनाज की महंगी कीमत अदा करनी पड़ेगी। ठेका खेती के जरिए कंपनियां किसानों की जमीन पर कब्जा करेंगी। अगर किसान कंपनियों से बीज, खाद, मशीनरी आदि लेकर खेती करते हुए पहले तय की कीमत पर फसल बेचना चाहेगा तो इसमें भी किसान तथा व्यापारी कंपनी के बीच में विवाद पैदा होने की संभावना रहेगी। ऐसे केसों में किसानों के पास केवल एसडीएम या डीसी से ऊपर किसी भी अदालत का सहारा ले पाने की इजाजत नहीं होगी। इस दौरान नेताओं ने धरने में किसानों को अधिक से अधिक गिनती में शामिल होने की अपील की। इस मौके भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के जिला प्रधान बलदेव सिंह संदोहा, मानसा जिले के कार्यकारी प्रधान सुरजीत सिंह संदोहा, जम्हूरी किसान सभा के जिला उपप्रधान नायब सिंह फूस मंडी, कुल हिद किसान सभा के प्रदेश कार्यकारी प्रधान बलकरन सिंह बराड़, भाकियू (लक्खोवाल) के उप प्रधान मेजर सिंह, देहाती मजदूर सभा के प्रांतीय उपप्रधान मिट्ठू सिंह घुद्दा, भाकियू डकौंदा के प्रदेश प्रधान गुरदीप सिंह रामपुरा, बेअंत सिंह मेहमा सरजा आदि नेताओं ने भी विचार रखे।
उधर भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के टोल प्लाजों, पेट्रोल पंपों तथा बणांवाली थर्मल प्लांट के आगे धरने जारी रहे। जिला प्रधान शिगारा सिंह मान ने बताया कि किसानों का संघर्ष पूरे उत्साह के साथ जारी है।