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मृतक किसान के परिवार को मुआवजा देने की मांग, दिन भर किसानों ने रोका रास्ता

कृषि विधेयक के खिलाफ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल से वापस लौट रहे किसानों की बस के हादसाग्रस्त हो जाने और एक किसान की मौत तथा 15 लोगों के गंभीर घायल होने के मामले में किसानों ने बुधवार को दिन भर रास्ता रोके रखा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 10:59 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:11 AM (IST)
मृतक किसान के परिवार को मुआवजा देने की मांग, दिन भर किसानों ने रोका रास्ता
मृतक किसान के परिवार को मुआवजा देने की मांग, दिन भर किसानों ने रोका रास्ता

जागरण संवाददाता, बठिडा : कृषि विधेयक के खिलाफ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गांव बादल से वापस लौट रहे किसानों की बस के हादसाग्रस्त हो जाने और एक किसान की मौत तथा 15 लोगों के गंभीर घायल होने के मामले में किसानों ने बुधवार को दिन भर रास्ता रोके रखा। मृतक के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा, परिवारिक सदस्य को नौकरी तथा घायलों को दो-दो लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर किसान आइटीआइ चौक में मानसा और डबवाली रोड को दिन भर जाम किए बैठे रहे। दिन भर रास्ता जाम होने के कारण राहगीरों को बेहद परेशानी का सामना भी करना पड़ा। उधर, दोपहर को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल तथा माल मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ घायलों का हालचाल जानने के लिए मैक्स अस्पताल के अलावा सिविल अस्पताल में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गंभीर घायल किसानों के परिजनों के साथ मुलाकात भी की और उनका सरकार की तरफ से मुफ्त इलाज कराने का भरोसा दिया। दस लाख, नौकरी, पूरा कर्ज माफ करने की मांग

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बादल गांव में आठ दिनों का मोर्चा समाप्त करके किसान बस से गांव किशनगढ़ को लौट रहे थे। रात के करीब नौ बजे गांव कोटफत्ता के पास उनकी बस एक ट्राले जा टकराई। जिसमें 17 लोग गंभीर रूप में जख्मी हो गए। बाद में एक गंभीर घायल किसान मुख्तियार सिंह की मौत हो गई। जबकि अमरजीत सिंह तथा मेवा सिंह किसान की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। जोकि एक निजी अस्पताल में दाखिल हैं। उधर, बुधवार की सुबह भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता आइटीआइ चौक में मानसा रोड पर धरना लगाकर बैठ गए। किसान नेता राम सिंह भैणी बाघा ने कहा कि जिला प्रशासन घायलों का हाल नहीं जान रहा। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो इसी तरह संघर्ष जारी रहेगा। इस मांग को लेकर किसान खबर लिखे जाने तक धरने पर बैठे रहे। सुनील जाखड़ ने मृतक किसान को शहीद का दर्जा दिया

दोपहर को सुनील जाखड़, मनप्रीत बादल और गुरप्रीत कांगड़ घायलों का हालचाल जानने के लिए पहुंचे। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार घायलों का मुफ्त इलाज कराएगी और मृतक किसान के परिवार को योग्य मुआवजा भी देगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने मृतक किसान को शहीद का दर्जा देते हुए इस घटना के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान बादल परिवार को आड़ेहाथ लेते हुए सुनील जाखड़ ने कहा कि आधा परिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बोली बोल रहा है, जबकि आधा परिवार किसानों की बात कर रहा है। पहले चार महीने तक विधेयक पर सरकार की वकालत करते रहे हैं। इस मामले में परिवार ने दोगली जुबान अख्तियार कर रखी है। हरसिमरत कौर बादल और सुखबीर बादल के वीरवार को तख्त श्री दमदमा साहिब पर नतमस्तक होने के सवाल पर उन्होंने कहा पंजाब के लोग अभी तक न तो उनके राज में हुई बेअदबियों को भूले हैं और न ही बहबल कलां में चलाई गोलियों को। पंजाब के लोग विधेयक पर अपनाई हुई दोगली नीति को भी कभी नहीं भूलेंगे, चाहे बादल परिवार कुछ भी कर लें। उन्होंने कहा कि वह घायल किसानों का अपने परिवार के सदस्यों की तरह इलाज कराएगी।


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