400 ट्रैक्टरों के साथ किसानों ने किया हरसिमरत के दफ्तर का घेराव
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के दफ्तर का घेराव किया।
जागरण संवाददाता, बठिडा : केंद्र सरकार की ओर से पास किए गए तीन कृषि ऑर्डिनेंस के खिलाफ सोमवार को जिले के किसानों ने 400 ट्रैक्टरों पर सवार होकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के दफ्तर का घेराव किया। इस प्रदर्शन के दौरान दोपहर के समय गर्मी ज्यादा होने के कारण एक 70 वर्षीय गांव महमा भगवाना की बुजुर्ग महिला गुरदेव कौर बेहोश हो गई, जिनको मौके पर ही पास के अस्पताल में लेकर जाया गया। वहीं किसानों के प्रदर्शन में गांव महमा भगवाना के ही किसान जगसीर सिंह की बेटी बलदीप कौर खुद ट्रैक्टर चलाकर प्रदर्शन में शामिल हुई। किसान जगसीर सिंह की तीन बेटियां हैं, जिसमें बलदीप कौर सबसे छोटी है और पिछले पांच साल से खेती में अपने पिता का हाथ बंटा रही है।
दूसरी तरफ किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सुबह से ही केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के दफ्तर के आगे भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई। इस कारण लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हुई। जबकि दोपहर तीन बजे जब किसान गांवों से शहर में पहुंचे तो पुलिस ने मुख्य 100 फीट रोड को ही बंद कर दिया। जबकि यह शहर की सबसे व्यस्त रोड है, जिसका लोग अस्पतालों में जाने के अलावा सरकारी दफ्तरों को जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। मगर किसानों के प्रदर्शन के कारण एक घंटा शहर के लोग परेशान होते रहे। यहीं नहीं किसानों ने जब प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टरों के साथ सड़कों को बंद कर दिया तो वह मांग पत्र देने के लिए हरसिमरत के दफ्तर की बढ़ने लगे। मगर पुलिस ने उनको आगे जाने से रोकने का प्रयास किया तो किसान उग्र हो गए। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ बहसबाजी भी हुई तो पुलिस को किसानों के आगे शांत होना पड़ा। हालांकि इस दौरान किसान केंद्र व राज्य सरकार दोनों के खिलाफ की प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन किसानों की गिनती के अनुसार पुलिस तैनात नहीं की गई।
धरने की अगुआई कर रही किसान यूनियन की राज्य प्रधान हरिदर कौर बिदू ने बताया कि कृषि ऑर्डिनेंस के साथ सरकार किसानों को लूटना चाहती है। उनका कहना है कि इसके साथ सरकारी खरीद खत्म हो जाएगी व किसानों की फसलों को खरीदने के लिए देसी-विदेशी कंपनियों को आगे कर दिया जाएगा। इसके अलावा बिजली बिल सुधार कानून लाकर सरकार किसानों की सब्सिडी को छीनना चाहती है। इसके अलावा पेट्रोल डीजल के रेट लगातार बढ़ाए जा रहे हैं, जिसके साथ किसानों का कचूमर निकल गया है। इसके अलावा किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की कि कोरोना के चलते सेहत सेवाओं को मुफ्त किया, किसानों के सभी कर्जों को माफ किया जाए। इसके अलावा किसानों ने पंजाब सरकार से मांग की कि सार्वजनिक स्थलों पर इकट्ठे हुए लोगों पर दर्ज किए केसों को रद किया जाए, खुदकुशी पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपये की सहायता व परिवार के एक मेंबर को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में बठिडा में पक्के तौर पर धरना लगाया जाएगा।