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डरें नहीं, कोरोना से ठीक हुए हर व्यक्ति को नहीं ब्लैक फंगस का खतरा: डा. कशिश

ब्लैक फंगस से डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि थोड़ी सावधानियां बरतने की जरूरत है क्योंकि कोरोना को हराने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यह बीमारी नहीं होती।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 10:04 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 10:04 PM (IST)
डरें नहीं, कोरोना से ठीक हुए हर व्यक्ति को नहीं ब्लैक फंगस का खतरा: डा. कशिश
डरें नहीं, कोरोना से ठीक हुए हर व्यक्ति को नहीं ब्लैक फंगस का खतरा: डा. कशिश

जागरण संवाददाता बठिडा: ब्लैक फंगस से डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि थोड़ी सावधानियां बरतने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना को हराने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यह बीमारी नहीं होती। लोगों की इन्हीं शंकाओं को दूर किया मैक्स अस्पताल के आंखों के विभाग के निदेशक व आई सर्जन डा. कशिश गुप्ता ने। वह सोमवार को दैनिक जागरण कार्यलय में लोगों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने सलाह दी कि अगर किसी को भी ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह तुरंत अपने डाक्टर के साथ संपर्क करे। समय पर पहचान कर इसका इलाज किया जा सकता है। पेश है पाठकों के सवाल और डा. गुप्ता की ओर से दिए गए जवाब। सवाल: कोरोना के कारण घर पर ही हूं और पढ़ाई भी आनलाइन हो रही है। पूरा समय में भी फोन पर ही बता रही हूं। इससे कोई नुकसान तो नहीं होगा ? -प्राचि, बठिडा

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जवाब: लगातार स्क्रीन न देखें। हर आधे घंटे के बाद मोबइल से ध्यान हटा कर दूर नजर मारें और आंखों को झपकाएं। लगातार मोबाइल देखने का नुकसान तो है ही। सवाल- मुझे कोरोना हुआ था। अब ब्लैक फंगस के बारे में पता चला। कहीं मुझे तो ब्लैक फंगस नहीं हो जाएगी ? -गुलशन कुमार,बठिडा

जवाब- कोरोना को हराने वाले प्रत्येक व्यक्ति को ब्लैक फंगस नहीं होती। अगर किसी व्यक्ति की गालों पर लाली आ जाए, नाक बंद रहे और आंखों के आस पास सूजन हो जाए तो उनको तुरंत ईएनटी को दिखाना चाहिए। सवाल- मैं कोरोना पाजिटिव था। मुझे बलगम के साथ एक दफा खून आया था। कहीं यह ब्लैक फंगस के लक्ष्ण तो नहीं हैं? -एक पाठक, बठिडा

जवाब- अगर बलगम में खून आया है तो तुरंत ईएनटी को चेक करवाएं। यह जरूरी नहीं कि ब्लैक फंगस ही हो लेकिन तुरंत दिखाना खहिए। इसके अलावा आप जिनसे कोरोना का इलाज करा रहे हैं, उस डाक्टर से भी सलाह कर लें। सवाल- मेरी बेटी राइफिल शूटर है, लेकिन लाकडाउन के कारण वह प्रैक्टिस नहीं कर पा रही और उसका स्क्रीन टाइम बढ़ रहा है। उसकी आंखें ठीक रहें, इसके लिए क्या सावधानियां बरतें? -नवतेज खोखर,सुशांत सिटी-1,बठिडा

जवाब- बेटी का स्क्रीन टाइम कम करना पड़ेगा। नहीं तो नजर पर असर आएगा। उसके साथ समय बिताएं और खेलें। घर में कार्ड बोर्ड भी खेला जा सकता है। सवाल- मेरी माता जी के लेंस डलवाया गया था, लेकिन अब उनकी आंखों में दर्द हो रहा है? -जीवन कुमार,रामपुरा

जवाब- उनकी आंखें चेक करनी पड़ेंगी। आम तौर पर लेंस डलवाने के बाद आंखों में दर्द नहीं होता, लेकिन कई बार पुतलियां कमजोर हो जाती हैं और पानी के बुलबुले बन कर फूटने लगते हैं। उससे दर्द होने लगता है। सवाल- बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ जाने के कारण उनकी आंखों से पानी बहने लगा है। क्या करें? - उमेद कुमार जैन,बठिडा

जवाब- बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करें और उनकी आंखों में ठंडी पट्टियां करें। इसके अलावा ठंडा खीरा भी आंखों के ऊपर रखा जा सकता है। सवाल- मेरी उम्र 67 साल है। मेरे इस समय सवा दो नंबर की ऐनक लगी हुई है। मैंने आई ड्राप लिए थे लेकिन उनसे धुंधला दिखाई देने लग गया। - गुरदेव खोखर,आलोचक,बठिडा जवाब- आपकी ऐनक का नंबर नार्मल नंबर है। सफेद मोतिए की शुरुआत इस उम्र में नार्मल बात है। आपको चिता करने की जरूरत नहीं। आई ड्राप डालना बंद कर दें। किसी भी माहिर डाक्टर से एक बार आंखें दिखा कर ही आई ड्राप का इस्तेमाल करें।


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