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वूमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड में लिफ्ट ढाई साल से बंद

सिविल अस्पताल के वूमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड में मरीजों व उनके परिजनों की सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च करके लगी लिफ्ट करीब ढाई साल से बंद पड़ी हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 12:49 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 06:11 AM (IST)
वूमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड में लिफ्ट ढाई साल से बंद
वूमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड में लिफ्ट ढाई साल से बंद

संवाद सहयोगी, बठिडा : सिविल अस्पताल के वूमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड में मरीजों व उनके परिजनों की सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च करके लगी लिफ्ट करीब ढाई साल से बंद पड़ी हैं। यहां आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं को सीढि़यों के सहारे ही दूसरी मंजिल पर जाना पड़ता है। सिविल अस्पताल के वुमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड को तकरीबन आठ साल पहले बनाया गया था और तब गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए लेबर रूम में लिफ्ट बनाई गई थी। इसका कारण यह था कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को वार्ड में आसानी से शिफ्ट किया जा सके और उनको किसी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़ी। सरकारी अस्पताल के वुमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड में लगी एकमात्र लिफ्ट पिछले ढाई साल से नहीं चल रही। जिसकी वजह से मरीजों को सीढि़यों से दूसरी मंजिल पर जाना पड़ता हैं जिसमें मरीज व उनके परिजनों खासकर बुजुर्गो को अधिक दिक्कत उठानी पड़ती हैं। इस बारे में 55 वर्षीय गुरमीत कौर ने बताया कि उसकी बेटी पिछले तीन दिन से अस्पताल में दाखिल हैं और वह बेटी का हालचाल जानने आई हैं। उसके घुटनों में दर्द होने के कारण सीढि़या चढ़ने में तकलीफ होती हैं और यहां लगी लिफ्ट भी बंद पड़ी हैं जिस कारण धीरे धीरे बड़ी मुश्किल से किसी के सहारे दूसरी मंजिल पर जाना पड़ेगा। लिफ्ट खराब रहने से प्रसव पीड़ा के बाद भी महिलाओं को चलकर 30 के करीब सीढ़ी चढ़नी पड़ती है। महिलाओं के लिए वार्ड तक पहुंचना काफी मुश्किल से भरा काम होता है। कभी तो स्थिति यह हो जाती है कि चलने-फिरने में असमर्थ मरीजों को परिजन कंधे पर लाद कर सीढि़यों से चढ़कर मुश्किल से पहुंचते हैं। पैदल आने वाले मरीज रेलिग पकड़कर किसी तरह से चढ़ते हैं। वहीं लिफ्ट को ठीक करवाने के लिए सेहत विभाग की कोई रुचि दिखाई नहीं दे रही।

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बजट पास के बाद ही मिलेगी सुविधा

इस संबंधी वुमेन एंड चिल्ड्रन वार्ड के एसएमओ एसएस गिल ने कहा कि इंजीनियरों अनुसार इस लिफ्ट के ठीक होने में चार से पांच लाख रुपये का खर्च आएगा जिस कारण बजट पास होने के बाद ही लिफ्ट ठीक हो सकेगी।


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