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कोरोना ने रोका पुराने रेल इंजन का रास्ता

बस स्टैंड के आगे स्थापित किए जाने वाले रेलवे के पुराने डीजल इंजन का रास्ता भी रोक दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 04:28 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 06:16 AM (IST)
कोरोना ने रोका पुराने रेल इंजन का रास्ता
कोरोना ने रोका पुराने रेल इंजन का रास्ता

सुभाष चंद्र, बठिडा : कोरोना संक्रमण काल ने महानगर के बस स्टैंड के आगे स्थापित किए जाने वाले रेलवे के पुराने डीजल इंजन का रास्ता भी रोक दिया है। यह पुराना रेल इंजन भाई कन्हैया चौक में लगाए गए लड़ाकू विमान मिग-21 की तर्ज पर ही महानगर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए बस स्टैंड के आगे कोर्ट कांप्लेक्स के पास स्थापित किया जाना है। हालांकि नगर निगम की ओर से अपनी तमाम औपचारिकताएं बीते जनवरी माह में ही पूरी कर ली गई थीं। बीते मार्च तक रेलवे विभाग की ओर रेल इंजन उपलब्ध कराए जाने की संभावना थी, लेकिन मार्च में लगे लॉकडाउन और क‌र्फ्यू के चलते काम अधर में लटक कर रह गया। पहले मार्च माह में इंजन आने की थी उम्मीद

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वर्ष 2018 में नगर निगम के तत्कालीन मेयर बलवंत राय नाथ की ओर से शहर की शोभा बढ़ाने के लिए एक मिग-21 वन तथा एक भाप वाला इंजन स्थापित करने प्रयास किए थे। संबंधित दोनों विभागों से लगातार पत्रचार करने के बाद उनके प्रयास सफल रहे। दोनों ही विभागों की ओर से मंजूरी प्रदान करते हुए मिग-21 तथा रेल इंजन देने की लिखित रूप में हामी भर दी गई थी। इसी वर्ष की शुरूआत में मिग-21 शहर के भाई कन्हैया चौक में स्थापित हो चुका है। बेशक इसकी स्थापना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ओर से की गई। जबकि बीते फरवरी माह में निगम के अधिकारी कालका जाकर पुराना रेल इंजन भी पसंद कर आए थे। यह इंजन वहां के रेलवे स्टेशन पर खड़ा है। निगम की ओर से इंजन पसंद कर लिए जाने के बाद रेलवे विभाग ने इसकी कीमत तय करके बतानी थी। जोकि रेलवे के दिल्ली स्थित मुख्यालय से तय होनी है। इसे स्कैप रेट की आधी कीमत पर देने की रेलवे ने बात कही हुई है। नगर निगम के अधिकारियों को उम्मीद थी कि रेलवे विभाग करीब 15 दिनों में इसकी कीमत तय करके उन्हें बता देगा। जिसका भुगतान करने के बाद निगम इसे बठिडा ले आया जाएगा। अनुमान के अनुसार करीब छह-सात लाख रूपये में यह इंजन निगम को पड़ेगा। लेकिन मार्च माह में देश भर में लॉकडाउन लग गया। बेशक लॉकडाउन के बाद अनलॉक भी शुरू हो चुके हैं। लेकिन रेल गाड़ियों का आवागमन शुरू न होने पर रेलवे की व्यवस्था अभी भी पटरी पर नहीं लौटी है। रेलवे विभाग के लिए तो एक तरह से अभी भी लॉकडाउन ही चल रहा है। इसी वजह से आज तक रेलवे विभाग की ओर से निगम को रेल इंजन की कीमत तय नहीं हो पाई। जबकि नगर निगम बीते जनवरी माह से ही रेल इंजन की स्थापना पर खर्च होने वाली आठ लाख रूपये की राशि को मंजूरी दे चुका है। रेलवे ने अभी तक इंजन की कॉस्ट नहीं भेजी

नगर निगम के एसडीओ राजिदर कुमार ने बताया कि रेलवे की ओर से अभी तक उन्हें रेल इंजन की कॉस्ट नहीं भेजी है। जैसे ही कॉस्ट आ जाएगी तो निगम की ओर से उसका भुगतान करके इंजन हासिल कर लिया जाएगा।


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