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डॉक्टरों व स्टाफ ने दु‌र्व्यवहार के विरोध में दिया धरना

बीते रविवार की रात को सिविल अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती एक मरीज के साथ आए कुछ लोगों ने शराब के नशे में अस्पताल के स्टाफ से अपशब्द कहे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 07:40 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 07:40 PM (IST)
डॉक्टरों व स्टाफ ने दु‌र्व्यवहार के विरोध में दिया धरना

संवाद सहयोगी, रामपुरा फूल : बीते रविवार की रात को सिविल अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में भर्ती एक मरीज के साथ आए कुछ लोगों ने शराब के नशे में अस्पताल के स्टाफ से अपशब्द कहे। इसी के विरोध में सोमवार सुबह अस्पताल के गेट पर धरना दिया गया। इस दौरान अस्पताल की ओपीडी के अलावा आपातकालीन सेवाएं भी बंद रखी गई। उधर धरने पर बैठे अस्पताल के डाक्टरों तथा अन्य स्टाफ द्वारा आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करने तथा स्टाफ की सुरक्षा के मद्देनजर अस्पताल में पुलिस चौकी स्थापित करने की मांग की गई। अस्पताल के एसएमओ डॉ. अमरीक ¨सह संधू तथा धरने पर बैठे स्टाफ सदस्यों ने बताया कि रविवार रात नौ बजे कुछ लोग एक मरीज को चोटिल अवस्था में उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए थे। उस समय अस्पताल में मौजूद डॉ. गो¨बद राम तथा स्टाफ द्वारा उसका उपचार शुरू करने के बावजूद उक्त मरीज के साथ आए चार-पांच व्यक्ति खुद को कांग्रेस के कार्यकर्ता तथा बिजली मंत्री के नजदीकी बताते हुए एमएलआर को लेकर अस्पताल के स्टाफ पर रौब झाड़ने लगे। इस दौरान उक्त लोगों द्वारा अस्पताल के महिला स्टाफ से अभद्र व्यवहार भी किया गया। इसकी सूचना पर अस्पताल पहुंचे पुलिस कर्मियों को देख उक्त लोग वहां से खिसक गए।

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एसएमओ संधू ने बताया कि सोमवार सुबह इसकी जानकारी बिजली मंत्री गुरप्रीत ¨सह कांगड़ को देने पर उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा डालने वाला कोई भी व्यक्ति उनका नजदीकी नहीं हो सकता। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक आरोपितों पर कार्रवाई नहीं की जाती वे धरना समाप्त नहीं करेंगे।

हड़ताल से मरीज परेशान, लौटना पड़ा वापस

अभद्र व्यवहार से गुस्साए स्थानीय सिविल अस्पताल के डॉक्टरों तथा स्टाफ की हड़ताल उपचार की आस लिए पहुंचे मरीजों पर भारी पड़ गई। हड़ताल के चलते यहां अस्पताल में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद रहीं। वहीं इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हुईं। इसके चलते मरीज पूरा दिन हड़ताल समाप्त होने का इंतजार करते रहे। किन्तु सुबह शुरू हुई अस्पताल स्टाफ की हड़ताल दोपहर तक जारी रहने के कारण ज्यादातर मरीजों बगैर उपचार के वापस जाने अथवा निजी अस्पतालों का रुख करने को मजबूर होना पड़ा। आंखों का चेकअप कराने पहुंचे शहर की एक निजी फैक्टरी के कर्मी विशिष्ट नारायण ने बताया कि वह फैक्टरी से आधे दिन की छुट्टी लेकर आया था। हड़ताल के चलते उसे अब निजी अस्पताल में जाना पड़ेगा। अपनी पुत्रवधू ¨रपी के पथरी के आपरेशन हेतु गांव फूलेवाला से आई बुजुर्ग महिला मनजीत कौर ने बताया कि हड़ताल के चलते पता नहीं आज आपरेशन होगा या नहीं। वहीं बुखार की दवा लेने आए अस्पताल पहुंचे बुजुर्ग बिक्कर ¨सह सहित अनेक मरीजों को बगैर दवा लिए वापस लौटना पड़ा।


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