स्वच्छ सर्वेक्षण संपन्न, निगम अधिकारियों ने ली चैन की सांस
केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की ओर से देश में स्वच्छता के सुधार को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर करवाई जा रही स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 प्रतियोगिता के तहत महानगर में चल रहा स्वच्छ सर्वेक्षण आखिरकार मंगलवार को संपन्न हो गया है। हालांकि यह सर्वेक्षण पहले महज दो दिनों में ही करने की योजना थी।
सुभाष चंद्र, ब¨ठडा
केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की ओर से देश में स्वच्छता के सुधार को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर करवाई जा रही स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 प्रतियोगिता के तहत महानगर में चल रहा स्वच्छ सर्वेक्षण आखिरकार मंगलवार को संपन्न हो गया है। हालांकि यह सर्वेक्षण पहले महज दो दिनों में ही करने की योजना थी, लेकिन यह बढ़ता बढ़ता सात दिन में संपन्न हुआ है। सर्वेक्षण 12 जनवरी को शुरू हुआ था, लेकिन दो दिन लगातार सर्वे करने के बाद बीच बीच में कुछ दिनों के लिए रुका रहा। सर्वेक्षण करने वाली कार्वी कंस्लटेंट की टीम ने इस दौरान जहां लगातार दो दिन निगम की कागजी कार्रवाई को अपनी कंपनी की वेबसाइट पर अपलोड किया, वहीं उसके बाद कार्वी टीम ने इस कागजी कार्यवाही में निगम की ओर से किए गए दावों की महानगर के 39 वार्डों में जमीनी हकीकत की गहनता के साथ पड़ताल की। मंगलवार को सिरकी बाजार से स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू हुआ जो संगूआना बस्ती, लाल ¨सह बस्ती,अमरपुरा बस्ती, मुल्तानिया ओबरब्रिज,मित्तल टावर,प्रताप नगर, जनता नगर संजय नगर,ढिल्लों नगर से होते हुए शहीद भगत ¨सह नगर में संपन्न हुआ।
बेहद बारीकी के साथ किया गया सर्वेक्षण
सर्वेक्षण टीम ने इस बार बेहद बारीकी के साथ बाजारों और मोहल्लों में दिन में और दिन-रात को लगातार होने वाली सफाई, सफाई संबंधी लोगों की उनके घरों में, बाजारों में दुकानदारों से तथा राहगीरों से फीड बैक हासिल की। इसी तरह डोर टू जोर कचरे की क्लेक्शन, कचरे के सेकेंडरी प्वाइंट, कचरा उठाने के साधन और उसके निपटारे के प्रबंध, बाजारों में लगे डस्टबिन, बाजारों में बनाए गए पब्लिक टायलेट्स के अलावा स्लम बस्तियों में मोबाइल कम्युनिटी शौचालयों की स्थिति, कचरा प्लांट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, ग्रीन वेस्टेज प्लांट व रेलवे ट्रैक पर खुले में शौच की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण। सफाई के कार्य में लगे कर्मियों की गिनती, उनकी वर्दी, आई कार्ड व बायोमेट्रिक अटेंडेस को भी चेक किया। निरीक्षण की इस पूरी कार्रवाई को उसकी तस्वीरों और वीडियोग्राफी को कार्वी टीम ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया।
निगम अधिकारियों को मिली चैन की सांस
स्वच्छ सर्वेक्षण के संपन्न होने के साथ ही निगम अधिकारियों को भी चैन की सांस मिल गई है। सर्वेक्षण टीम के साथ साथ निगम के कर्मचारियों की भी दौड़ लगी हुई थी। आधा दर्जन से अधिक निगम के सेनेटरी विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी टीम के साथ भागमभाग करनी पड़ रही थी। निगम कमिश्नर तक सभी अधिकारी भी इसी काम में जुटे हुए थे। सर्वेक्षण के मद्देनजर बीती 12 जनवरी से सभी कर्मचारियों की छुट्टियां भी बंद कर रखी थीं। लेकिन इस दौरान महानगर के लोगों की ओर से सर्वेक्षण टीम को निगम की कारगुजारी की दी जा रही अच्छी फीडबैक ने उनकी दिन भर की भाग दौड़ से होने वाली थकावट को जरा भी महसूस तक नहीं होने दिया। लोगों की इस फीडबैक से निगम के अधिकारी एवं कर्मचारी बेहद उत्साहित हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि मार्च में आने वाला परिणाम खुशियां लेकर आएगा।