सीबीएसई तीन से चार स्कूलों को जोड़कर बनाएगा को-लेबोरेटिव लर्निग हब
केंद्रिय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई ) की ओर से अपने सभी स्कूलों को आपस में जोड़ने की पहल की जा रही है।
ज्योति , बठिडा : केंद्रिय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई ) की ओर से अपने सभी स्कूलों को आपस में जोड़ने की पहल की जा रही है। स्कूलों को को-लेबोरेटिव लर्निंग हब बनाया जा रहा है। इसका कार्य जुलाई से शुरू होगा। इसके तहत देशभर के सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त स्कूलों को इससे जोड़ा जाएगा, जो अपने संसाधनों को अन्य स्कूलों के साथ साझा कर सकेंगे। सीबीएसइ इसके लिए स्कूलों का हब बनाएगा। इसे सीएलएच के नाम दिया गया है। सीएलएच के तहत देशभर के स्कूलों को हब में बांटा जाएगा। एक हब में पांच या उससे ज्यादा स्कूल शामिल होंगे। एक हब के अंदर आने वाले स्कूल विभिन्न गतिविधियों में एक दूसरे का सहयोग करेंगे। यह सभी स्कूल अपनी अधिकारों के अनुसार एक दूसरे की मदद करेंगे। आपस में मिलकर गतिविधियां कराएंगे। इसके अलावा स्कूलों में शैक्षिक अदान प्रदान के कार्यक्रम भी होंगे। इससे छात्रों को भी सीखने के लिए ज्यादा अवसर मिल सकेंगे। इसके अलावा अगर किसी स्कूल में इन्फ्रास्ट्रचर बेकार पड़ा है। प्रयोग में नहीं आ रहा, उसको दूसरे स्कूल में प्रयोग में लाया जाएगा।
अध्यापकों की कमी भी होगी पूरी
स्कूल हब आपस में खेलकूद की सुविधाओं, प्रयोगशालाओं को भी आपस में साझा करेंगे। स्कूल प्रिसिपल व अध्यापकों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन के साथ साथ खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों, विज्ञान प्रदर्शनियों और क्विज का भी आयोजन करेंगे। स्कूल हब को छात्रों के लिए कुछ अहम मामलों जैसे सुरक्षा और सलामती, ऊर्जा और जल संरक्षण, पर्यावरण, डिजिटल नवाचार और मूल्यों एवं नेतृत्व कौशल पर सेमिनारों के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। सभी स्कूलों के हब अपने आसपास में स्थित औद्योगिक इकाइयों, कारखानों व उच्च संस्थानों और बिजनेस हाउस से भी जुड़ेंगे। अगर किसी स्कूल में अध्यापकों की कमी है तो उस स्कूल में पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी। किसी स्कूल में अगर अध्यापक की कमी है तो उसकी पूर्ति दूसरे स्कूल से की जा सकेगी।
एक जुलाई से होगा शुरू
सीबीएसइ बोर्ड की ओर से हब बनाने का कार्य एक जुलाई से शुरू किया जाएगा। इस मुख्य उद्देश्य बच्चों को आपस में जोड़ना है। इसके तहत एक स्कूल को एक को-लेबोरेटिव हब बनाया जाएगा। उस को-लेबोरेटिव की पूरी जिम्मेदारी गतिविधियां करवानी होगी। अगर पांच स्कूलों को हब बनाया गया है, तो इसकी पूरी गतिविधियां को-लेबोरेटिव निभाएगा। एक स्कूल के साथ चार स्कूलों को जोड़ा जाएगा। इससे बच्चों की गतिविधियां भी बढ़ेगी। एक दूसरे का कल्चर सिखने को मिलेगा।
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