Move to Jagran APP

सिविल सर्जन आफिस को साढ़े 24 लाख रुपये जुर्माने का नोटिस

जिला सेहत विभाग कुछ अधिकारियों ने अपने ही विभाग के कर्मचारियों का ईपीएफ फंड डकार गए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 12:00 AM (IST)Updated: Fri, 04 Oct 2019 12:00 AM (IST)
सिविल सर्जन आफिस को साढ़े 24 लाख रुपये जुर्माने का नोटिस
सिविल सर्जन आफिस को साढ़े 24 लाख रुपये जुर्माने का नोटिस

नितिन सिगला, बठिडा : जिला सेहत विभाग कुछ अधिकारियों ने अपने ही विभाग के कर्मचारियों का ईपीएफ फंड डकार गए। हर माह कर्मचारियों का ईपीएफ तो काटता रहा, लेकिन समय पर ईपीएफ विभाग के पास जमा नहीं करवाया। जब ईपीएफओ ने इसकी पड़ताल की और ईपीएफ जमा नहीं होने संबंधी विभाग के अधिकारियों से पूछा, तो करीब एक साल बाद फंड जमा करवाया गया। हालांकि, देर से फंड जमा करवाने के पीछे का तर्क सेहत अधिकारी सरकार से फंड देरी मिलने का दे रहे है, लेकिन सवाल यह है कि जब वेतन समय पर जारी किया गया है, तो ईपीएफ कैसे देरी हो सकती है, जबकि अकाउंट विभाग द्वारा ईपीएफ काटने के बाद ही वेतन जारी किया जाता है। ऐसे में कथित तौर पर अकाउंट विभाग द्वारा किए इस घोटाले के बाद बीते दिनों ईपीएफओ ने सिविल सर्जन बठिडा को करीब एक साल तक जमा नहीं करवाएं ईपीएफ फंड का बनता करीब 24 लाख रुपये जुर्माना विभाग के पास जमा करवाने का नोटिस जारी किया, तो सेहत विभाग में हड़कंप मच गया है। सिविल सर्जन से लेकर से लेकर निचले स्तर के अधिकारी इस मामले को छिपाने में जुट हुए और मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है, जबकि कुछ अधिकारियों की लापरवाही के कारण सेहत विभाग पर करीब साढ़े 24 लाख रुपये का जुर्माना लग गया है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि इस जुर्माने की अदायगी कौन करेगा, सेहत विभाग करेगा या फिर समय पर ईपीएफ जमा नहीं करवाने वाले सेहत अधिकारी।

loksabha election banner

इसके साथ जांच का विशेष यह भी है कि आखिरकार फंड इतनी देरी से क्यों जमा करवाया गया किस अधिकारी की लापरवाही है, लेकिन सिविल सर्जन बठिडा इस गंभीर मामले की जांच करवाने की बजाएं, इस पर पर्दा डालने जुटे हुए है। बताते चले कि नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन विभिन्न स्कीमों के तहत बठिडा जिले में 400 के करीब एनएचएम कर्मचारी काम करते है, जिन्हें एनएचएम स्थानीय सेहत विभाग के माध्यम से वेतन जारी करता है। हर एनएचएम कर्मचारी का ईपीएफ फंड सेहत विभाग द्वारा काटा जाता है। यह फंड वेतन का करीब 12 प्रतिशत राशि काटी जाती है और हर माह इसे ईपीएफ विभाग के पास जमा करवाई जाती है, जिसपर ईपीएफ विभाग करीब साढ़े आठ प्रतिशत ब्याज दिया जाता है। साल 2015-16 में सिविल सर्जन बठिडा के अकाउंट विभाग ने एनएचएम अधीन काम करते सभी कर्मचारियों का करीब एक साल तक ईपीएफ काटकर वेतन तो जारी करते रहे, लेकिन काटा गया फंड ईपीएफ विभाग के पास जमा नहीं करवाया गया। काफी माह तक लगातार ईपीएफ जमा नहीं करवाने पर ईपीएफओ ने इस बाबत सिविल सर्जन आफिस बठिडा से कारण पूछा, तो उन्होंने फंड की कटौती होने की बात कहकर साल 2017 में बनता फंड जमा करवाया गया। करीब एक साल के देरी से जमा हुए फंड पर ईपीएफ विभाग द्वारा दिया जाने वाले ब्याज की वसूली करने के लिए बीते दिनों ईपीएफ विभाग ने सिविल सर्जन बठिडा को 24.63 लाख रुपये की रिकवरी का नोटिस जारी कर उक्त रकम जल्द से जल्द जमा करवाने के आदेश जारी किए है। ईपीएफ विभाग द्वारा जारी नोटिस मिलने के बाद सेहत विभाग के अधिकारियों के पैरे तले जमीन खिसक गई है, वहीं अब यह पता करने में जुटे है कि यह कांड किस अधिकारी की लापरवाही के कारण हुआ। उधर, नोटिस मिलने के बाद सेहत विभाग के अधिकारियों ने ईपीएफ विभाग के पास जाकर उन्हें पूरे मामले की जांच करने के लिए समय मांगा है। वहीं ईपीएफ विभाग ने उन्हें करीब पंद्रह दिन का समय दिया है। अगर इन दिनों में विभाग कोई ठोस जबाव नहीं देता है, तो ईपीएफ विभाग फाइनल नोटिस जारी कर पंद्रह दिनों के भीतर पूरी रकम जमा करवाने के आदेश जारी करेगा। उधर, पूरे मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी गई। सूत्रों की मानने तो उच्चाधिकारियों ने इस बाबत उस समय के जिम्मेवार अधिकारियों से वसूलने के आदेश दिए, लेकिन स्थानीय अधिकारी उन अधिकारियों को बचाव कर उक्त जुर्माना सरकार के खजाने से भरवाने के लिए तिकड़म बाजी कर रहे है। जिम्मेवार अधिकारी के बोल

सिविल सर्जन बठिडा डॉ. अमरीक सिंह संधू से जब इस बाबत मामले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने दफ्तरी मसला होने की बात कहकर कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। एनएचएम के स्टेट फाइनांस मैनेजर नीरज सिगला ने कहा कि उनके पास ऐसा कोई भी मामला नहीं है। इस बारे में वह कुछ भी बोल नहीं सकते है। हेल्थ चीफ सेक्रेटरी अनुराग अग्रवाल का कहना है कि मामला उनके ध्यान में नहीं है। अगर ऐसा कोई भी मामला है तो वह इसकी जांच करवाएंगे। उसके बाद ही वह कुछ बता सकेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.