सिविल अस्पताल खुद बांट रहा बीमारी
सिविल अस्पताल में इलाज करवाने आते हैं लेकिन यहां हालात ये हैं कि मरीज यहां से दवा नहीं बल्कि बीमार लेकर जा रहे हैं।
जासं,बठिडा: सिविल अस्पताल में इलाज करवाने आते हैं, लेकिन यहां हालात ये हैं कि मरीज यहां से दवा नहीं बल्कि बीमार लेकर जा रहे हैं। कारण, वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल परिसर में पिछले दस दिन से सीवरेज का गंदा पानी जमा है, जहां मच्छर पनपने से डेंगू का खतरा है। सीवरेज जाम होने से गंदा पानी पूरे अस्पताल परिसर में फैल रहा है। साथ ही वाटर सप्लाई पाइप लाइन भी लीक कर रही है।
वूमेन एवं चिल्ड्रन अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं के अलावा मासूम बच्चों को डेंगू और मलेरियां जैसी बीमारियां होने का खतरा बना हुआ है। हालांकि अस्पताल के डाक्टर भी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को कई बार फोन कर उक्त समस्या का हल करने के कह चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा। डाक्टर खुद मानते हैं कि अस्पताल परिसर में जमा पानी में पैदा हो रहे हजारों की संख्या में डेंगू व मलेरिया के मच्छर उनके साथ-साथ उनके पास अपना इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीज व उनके स्वजनों को भी बीमार दे सकते हैं। सीवरेज का गंदा पानी जमा होने से अस्पताल परिसर में गंदगी की भरमार है। वहीं लोगों का कहना है बरसात का पानी तो इधर-उधर से निकल जाता है लेकिन सीवरेज सिस्टम जाम होने से गंदा पानी हर तरफ फैल रहा है। इसका तुरंत हल होना चाहिए। 4.38 करोड़ रुपये की गांट भी नहीं सुधार सकी हालात सिविल अस्पताल की जर्जर इमारत, सीवरेज, पानी व सड़कों की हालत में सुधार के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने दो साल पहले चार करोड़ 38 लाख रुपये की ग्रांट जारी की थी। इसके बावजूद अस्पताल परिसर में सीवरेज जाम व पानी की लीकेज की समस्या बनी रहती है। साथ ही सफाई के अभाव में सीवरेज में प्लास्टिक के लिफाफे आदि भी चले जाने से सीवरेज जाम हो जाता है। कोट्स
निगम की टीम को बुलाकर सीवरेज की समस्या का हल करवारया गया है। अस्पताल में जान पानी में हर रोज दवा डाली जाती है ताकि ताकि मच्छर पैदा न हो सके। फाल्ट का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। आगामी 24 घंटे में समस्या का स्थाई हल कर दिया जाएगा।
- डा. सुखजिंदर सिंह गिल, एसएमओ, वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्पताल