नहर में पानी छोड़ने से नए पुल में पड़ी दरारें, गट्टे लगाकर बचाने का प्रयास
नहर में पानी छोड़ने से पुल के दोनों ओर दरारें पड़ गई हैं। एक साइड की पटरी भी बैठ गई है।
जागरण संवाददाता, बठिडा : छठ पूजा के लिए श्रद्धालुओं के धरना-प्रदर्शन के दबाव में बीते शनिवार को सरहिद नहर में पानी छोड़े जाने से पपीहा पैलेस के नजदीक बने नए पुल के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। नहर में पानी छोड़ने से पुल के दोनों ओर दरारें पड़ गई हैं। एक साइड की पटरी भी बैठ गई है। रविवार सुबह सैर करने वाले लोगों ने जब पुल में आई दरारें देखीं तो वहां इकट्ठा होने लगे। लोगों का कहना था कि वोटों की खातिर एक वर्ग को खुश करने के लिए प्रशासन ने सरहिद नहर में पानी छोड़ा है। इसके चलते करोड़ों रुपये का नुकसान और पुल के टूटने के आसार पैदा हो गए हैं। पुल का निर्माण अभी पूरी तरह पूरा भी नहीं हुआ है। कुछ काम अभी बाकी भी है।
सूत्रों के अनुसार पुल बनाने वाले ठेकेदार ने प्रशासन और नहरी विभाग के अधिकारियों को पहले ही सचेत कर दिया था कि अगर नहर में पानी छोड़ा जाता है तो इससे पुल को नुकसान हो सकता है। इसके बावजूद प्रशासन ने शनिवार शाम को सरहिद कैनाल में पानी छोड़ दिया गया। इस पुल के निर्माण से पहले पानी को एक साइड से चलता रखा गया था। नहरबंदी के बाद पानी को बीबीवाला पुल के पास रोककर रखा गया था, ताकि पुल का निर्माण मुकम्मल हो सके।
शनिवार को श्रद्धालुओं ने दिया था धरना
शनिवार को छठ पूजा के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग को लेकर श्रद्धालुओं की ओर से धरना लगा देने के बाद इस नहर में पानी छोड़ दिया गया था। लेकिन पानी छोड़ने के बाद ताजे बने पुल के किनारे टूटने लगे। रविवार को जब इसके बारे में विभाग और ठेकेदार को पता चला तो अब मिट्टी के गट्टे लगाकर उसे बचाने का कार्य शुरू किया गया है। लोगों का कहना है कि अभी तो नहर में बहुत थोड़ी मात्रा में पानी है। चूंकि पीछे से अभी भी नहरबंदी है। जबकि छोड़ा गया पानी पीछे रोककर रखा गया था। उसे ही छोड़ा गया है। अगर रुटीन में पूरा पानी आ गया तो नहर में दरार भी पड़ सकती है।
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नए पुल को मिट्टी के गट्टे लगाने ही पड़ते हैं: एक्सईएन
उधर, नहरी विभाग के एक्सईएन गुरजिदर सिंह बाहिया ने कहा कि पानी छोड़ने से पुल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। नया पुल बनने पर पानी छोड़े जाने के बाद मिट्टी के गट्टे लगाने ही पड़ते हैं।