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बठिंडा नगर निगम डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर्स चार्जेज करेगा रिवाइज

नगर निगम के लिए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर्स चार्जेज की वसूली करना बेहद मुश्किल हुआ पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 10:21 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 10:21 PM (IST)
बठिंडा नगर निगम डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर्स चार्जेज करेगा रिवाइज

सुभाष चंद्र, बठिडा : नगर निगम के लिए डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के यूजर्स चार्जेज की वसूली करना बेहद मुश्किल हुआ पड़ा है। हालांकि निगम की ओर से यह काम ठेके पर दिया हुआ है, लेकिन लोगों का सहयोग न मिलने के कारण ठेकेदार के लिए भी वसूली करना कठिन हो गया है। कोरोना संक्रमण काल के चलते कारोबार ठप पड़े रहने से जहां व्यापारिक संस्थानों ने तो निगम की ओर से तय रेटों को देने से हाथ खड़े कर रखे हैं और उन्होंने रेट कम करने की मांग की है। वहीं बहुत से घरों के लोग भी यूजर्स चार्जेज नहीं दे रहे हैं। कई इलाकों में तो पूरी गली के लोग ही पैसे नहीं दे रहे हैं। कोई रेट ज्यादा बताता है तो कोई हर रोज उसके घर से कचरा न उठने की शिकायत करता है। रही सही कसर पिछले महीने हुई मिनी टिप्परों पर काम करने वाले कर्मचारियों की हड़ताल ने निकाल दी है। केवल घरों से तीन माह की 40 लाख रुपये ही हुई वसूली

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निगम ने जिस ठेकेदार फर्म को ठेका दिया है, उसने अभी पिछले वित्तीय वर्ष के जनवरी से मार्च माह तक की वसूली शुरू की थी, लेकिन तीन माह की करीब 40 लाख रुपये की वसूली ही हुई है। जबकि यह 50 लाख रुपये से ऊपर होनी चाहिए थी। नगर निगम ने अपने निर्धारित रेटों के अनुसार तीन माह की करीब डेढ़ करोड़ रुपये के वसूली का अनुमान लगाया था। इसमें करीब 50 लाख रुपये रिहायशी और एक करोड़ रुपये व्यापारिक संस्थानों से वसूली शामिल है। लेकिन घरों से भी पूरी वसूली न हो पाई और व्यापारिक संस्थानों के विभिन्न संगठनों के रेट कम करने की मांग किए जाने के चलते अब निगम ने सभी रेट रिवाइज करने का फैसला किया है, ताकि 100 फीसद वसूली हो सके। निगम इस बार होने वाली जनरल हाउस की बैठक में रेट रिवाइज करने का प्रस्ताव लाने जा रही है। अब इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद ही नए रेटों के अनुसार वसूली की जाएगी। स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए भी चार्जेज की वसूली अनिवार्य

निगम की ओर से वर्ष 2018-19 में जब करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के 46 मिनी टिप्पर खरीदे गए थे, तो उस समय यह योजना बनाई गई थी कि प्रत्येक माह यूजर्स चार्जेज की वसूली की जाएगी। इस यूजर्स चार्जेस से न केवल मिनी टिप्परों की मेंटीनेंस और तेल का खर्चा निकलेगा, बल्कि मिनी टिप्परों के लिए ठेके पर रखे 300 ड्राइवरों और हेल्परों का वेतन भी निकलेगा। निगम की ओर से इस योजना के तहत वर्ष 2019 में कुछ वसूली की गई, लेकिन उसके बाद उचित योजना के अभाव में यह वसूली भी बंद होकर रह गई। चूंकि स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता के साथ भी यूजर्स चार्जेज की वसूली का गहरा नाता है। बीते जनवरी माह में यह काम ठेके पर देने की योजना बनाई गई। योजना के अनुरूप यूजर्स चार्जेज की वसूली का काम ठेके पर दे दिया गया। लेकिन पिछले महीनों के दौरान जब वसूली शुरू की गई तो व्यापारिक संस्थानों ने कोरोना की मार के कारण यूजर्स चार्जेज बहुत ज्यादा होना बताते हुए देने से इंकार कर दिया, वहीं घरों से भी पूरा सहयोग नहीं मिला।

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रेट रिवाइज किए जा रहे हैं। इसके लिए हाउस की बैठक में प्रस्ताव लाया जा रहा है। नये रेट तय करने के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।

-हरपाल सिंह भुल्लर, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, नगर निगम।


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