बठिडा मलोट रोड फोरलेन का काम शुरू, कटेंगे 17 हजार पेड़, लगाया एक भी नहीं
बठिडा-मलोट रोड को फोरलेन करने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए गांव बहमन दीवाना के पास पेड़ों को काटना शुरू कर दिया है। हालांकि सड़क को भी एक साइड से बंद कर सड़क का काम चलने को बेरीकेड्स लगा दिया है।
साहिल गर्ग,बठिडा : बठिडा-मलोट रोड को फोरलेन करने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए गांव बहमन दीवाना के पास पेड़ों को काटना शुरू कर दिया है। हालांकि सड़क को भी एक साइड से बंद कर सड़क का काम चलने को बेरीकेड्स लगा दिया है। मगर इसमें एक दुखद पहलू यह भी है कि जिले में पिछले पांच सालों के दौरान काटे पेड़ों को लगाने का कोटा आज तक पूरा नहीं हो पाया।
जिले में ग्रीनरी भी 1.76 फीसद रह गई है। अब अगर यह 17 हजार ओर पेड़ कट जाते हैं तो ग्रीनरी ओर भी कम हो जाएगी। वहीं लंबे समय से पेंडिग फोरेस्ट क्लीयरेंस को अब केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंजूरी ने दी है। इस रोड को फोरलेन करने के लिए बठिडा व श्री मुक्तसर साहिब जिले के 77.36 हेक्टेयर के एरिया में 17,865 पेड़ों को काटा जाएगा। इसमें 7526 पेड़ बठिडा व 10339 पेड़ मुक्तसर जिले के शामिल हैं। जबकि यह रोड आगे राजस्थान के गंगानगर तक जानी है। इसके लिए भी एनएचआइ ने टेंडर जारी कर दिया है।
जिले में पिछले पांच सालों के दौरान 50 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटा जा चुका है। इसके तहत बठिडा-चंडीगढ़, बठिडा-श्री अमृतसर साहिब, रामपुरा-मौड़, रिग रोड फेस-1 जैसे प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है। हालांकि साल 2019 में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर जिले के गांवों के अलावा शहरों में पेड़ों को लगाया गया है। पेड़ों को काटने पर एनजीटी के नियमों के अनुसार दोगुने पेड़ों को नहीं लगाया गया। इसका सबसे बड़ा कारण है कि जंगलात विभाग के पास बठिडा में पेड़ों को लगाने के लिए जगह ही नहीं है। वहीं इसको लेकर जिला फॉरेस्ट अफसर स्वर्ण सिंह का कहना है कि उनके द्वारा नए पेड़ों को लगाने के लिए जगह का चयन कर लिया गया है। जहां पर काम शुरू कर दिया जाएगा, जबकि पेड़ों को काटने के बाद नए पेड़ लगाने के लिए विभाग द्वारा हर समय काम किया जाता है।
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बठिडा से गंगानगर तक बननी है रोड
एनएचएआइ ने बठिडा से श्रीगंगानगर तक रोड को फोरलेन करने के लिए दो अलग अलग टेंडर जारी किए हैं। इसके तहत 107 किलोमीटर सड़क पर 950 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च किए जाएंगे। बठिडा से मलोट तक के 38 किलोमीटर के एरिया का तो पहले ही 296 करोड़ रुपये में टेंडर अलॉट कर दिया गया। वहीं मलोट से आगे साधूवाली तक के रास्ते के लिए 69 किलोमीटर पर 687.86 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
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मलोट अबोहर से निकलेगा बायपास
बठिडा से श्रीगंगानगर तक रोड के निर्माण के लिए मलोट व अबोहर से बायपास निकलेगा। इसके अलावा मलोट में फाजिल्का चौक पर भी पुल बनाया गया। वहीं गिदड़बाहा के दोनों चौक पर पुल बनेगा। इसी प्रकार एक पुल बठिडा में मुक्तसर रोड के चौक में बनाया जाएगा तो दो पुल बठिडा मलोट रोड पर आते दो गांव करमगढ़ छत्तरां व थेहड़ी में बनाया जाएगा। वहीं गांव बल्लूआना में टोल प्लाजा लगाया जाएगा। इसके बाद मलोट से श्रीगंगानगर तक की रोड पर दो टोल लगाए जाएंगे। फिलहाल फोरलेन का निर्माण बठिडा-मुक्तसर रोड़ के चौक से लेकर मलोट के स्काई मॉल तक के एरिया में किया हुआ है। शहर को 33 फीसद चाहिए ग्रीनरी, दो फीसद बची
अगर कहीं पर विकास कार्यों को दौरान पेड़ काटने की जरूरत पड़ती है तो एनजीटी के नियमों के अनुसार जंगलात विभाग को उससे दोगुनी जगह पर पेड़ लगाने होते हैं। लेकिन उसके बदले अन्य पेड़ लगाने की विभाग के पास कोई जगह नहीं है। ऐसे में बठिडा में ग्रीनरी दिन प्रतिदिन कम हो रही है। जिसकी अब मात्रा 2 फीसद से भी कम रह गई है। नियमों के अनुसार एक शहर में ग्रीनरी 33 फीसद होनी चाहिए। वहीं एक हेक्टेयर में एक हजार पेड़ लगाए जा सकते हैं।
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नॉलेज- एक पेड़ से मिलती है दो लोगों को ऑक्सीजन
एक पेड़ से एवरेज साल में 680 पौंड आक्सीजन पैदा होती है, जो दो लोगों के लिए एक साल में काफी होती है। एक पेड़ साल में एवरेज 20 टन कार्बन डाईआक्साइड लेता है। अगर जिले में अभी 10 हजार पेड़ों को काटा जाएगा तो इसका 20 हजार लोगों पर असर पड़ेगा।
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ऐसे समझें कैसे कटेंगे पेड़
77.36 हेक्टेयर एरिया में काटे जाने हैं पेड़
-- 32.96 हेक्टेयर बठिडा व 44.40 हेक्टेयर एरिया मुक्तसर का होगा 154.51 हेक्टेयर एरिया में लगाने हैं नए पेड़
-- 65.71 हेक्टेयर बठिडा व 88.80 हेक्टेयर मुक्तसर में लगाने होंगे नए पेड़
17,865 पेड़ रोड़ को फोरलेन करने के लिए काटे जाएंगे
-- 7526 पेड़ बठिडा व 10,339 पेड़ मुक्तसर के एरिया में काटे जाएंगे
-- बठिडा में 7133 बड़े पेड़ व 393 बैंबूस काटे जाएंगे
-- मुक्तसर में 5910 बड़े पेड़, 529 छोटे पेड़ व 3900 बैंबूस काटे जाएंगे