जालंधर, जागरण टीम। पंजाब में अजनाला थाने पर हमले के आरोपित खालिस्तान समर्थक एवं अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस ने बड़ा ऑपरेशन चलाया है। अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि हमारे पास अमृतपाल सिंह बारे में सही जानकारी नहीं है, पुलिस ने हमारे घर पर 3-4 घंटे तक तलाशी ली। उन्हें कुछ भी अवैध नहीं मिला है। जब वह घर से निकले तो पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए था।
#WATCH | Amritsar: We don't have correct info about him (Amritpal Singh). Police conducted searches for 3-4 hours at our house. They didn't find anything illegal...Police should have arrested him when he left from the house...: Tarsem Singh, Father of Amritpal Singh to ANI pic.twitter.com/QACVqh1FkX
— ANI (@ANI) March 18, 2023
फरार है अमृतपाल सिंह
पंजाब पुलिस ने शनिवार को एक बयान जारी कर बताया कि पुलिस ने वारिस पंजाब दे के लोगों के खिलाफ राज्य में बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी तलाशी अभियान शुरू किया। पुलिस के मुताबिक, अमृतपाल सिंह सहित कई अन्य फरार है। इस मामले में पुलिस 78 अन्य आरोपितों की पहले ही गिरफ्तारी कर चुकी है।
पुलिस ने उसके 13 साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें सात को जालंधर एवं छह को अमृतसर से पकड़ा गया है। जालंधर में अलग-अलग जगह से पकड़े गए आरोपितों से 315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की सात बंदूकें, एक रिवाल्वर और 373 कारतूस बरामद किए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, अमृतपाल की भी पुलिस ने घेराबंदी कर ली है। वह किसी अघोषित जगह पर छुपा हुआ है, जिसे रविवार सुबह तक गिरफ्तार किया जा सकता है। थाने पर हमले के मामले में पुलिस ने 24 फरवरी को 'वारिस पंजाब दे' संगठन के सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज करने के बाद यह कार्रवाई की है।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में इससे पहले 78 अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस संगठन से जुड़े लोगों के खिलाफ अशांति फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस पर हमले आदि के आरोप में चार विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
अमृतपाल के समर्थकों का 20 किमी तक किया गया पीछा
आगे की कार्रवाई करते हुए शनिवार को अर्धसैनिक बलों के साथ पुलिस के 1200 जवानों ने कार्रवाई की। शाहकोट के पास से अमृतपाल समर्थकों का 20 किलोमीटर तक पीछा किया और महितपुर से कुछ को हिरासत में ले लिया। इससे पहले दो घंटे तक अमृतपाल अपने समर्थकों के साथ पुलिस से बचने के लिए गांव-गांव भागता रहा। इस दौरान उसके कुछ समर्थकों को गली, तो कुछ को खेत से पकड़ा गया।
इंटरनेट सेवा बंद
बताया गया है कि गिरफ्तार आरोपितों में प्रधानमंत्री बाजेके और गुरमीत सिंह बुक्कनवाला भी शामिल हैं। इनमें से गुरमीत सिंह अजनाला थाने पर हमले के दौरान अमृतपाल के साथ था। वहीं, राज्य में माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए अर्धसैनिक बल तैनात करने के साथ ही रविवार 12 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
अमृतपाल के पैतृक गांव को किया गया सील
अमृतपाल के पैतृक गांव अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा को सील करके यहां पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात कर दिया गया है। अमृतपाल के स्वजन सहित करीब 24 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने के अलावा उसके घर और उस डेरे में तलाशी ली गई, जहां वह रहता है। चार जिलों फरीदकोट, फाजिल्का, मुक्तसर और अमृतसर में धारा 144 लागू कर दी गई।
भदौड़ में हाईवे पर लगा जाम
उधर, पुलिस कार्रवाई के विरोध में अमृतपाल समर्थकों ने मोहाली में रोष व्यक्त किया, जबकि कुछ सिख संगठनों ने बरनाला के भदौड़ में हाईवे पर जाम लगा दिया। वीडियो प्रसारित कर लोगों को उकसाया पुलिस जब पीछा कर रही थी तब अमृतपाल अपने समर्थकों के साथ महितपुर की तरफ भागा।
इस दौरान उसके समर्थकों ने गाड़ियों के अंदर से वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को उकसाना शुरू कर दिया। लोगों से अपील की कि वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में शाहकोट पहुंचें। ये वीडियो जैसे ही इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने शुरू हुए पुलिस ने समूचे राज्य में इंटरनेट सेवा बंद करवा दी। वीडियो में दिखाई पड़ रहा है कि जिस कार में अमृतपाल है, उसी मैं बैठा उसका सर्मथक वीडियो बना रहा है।
एडीजीपी ने शांति की अपील की
एडीजीपी (लॉ एंड आर्डर) अर्पित शुक्ला ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। शुक्ला ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। राज्य के अलग-अलग जिलों में विशेषरूप से नाकेबंदी की गई है। इसका उद्देश्य नागरिकों को परेशान करना नहीं है, बल्कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना है।
पिछले साल आया चर्चा में अमृतपाल सिंह
अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में 1993 में जन्मा अमृतपाल सिंह 12वीं की पढ़ाई के बाद 2012 में दुबई चला गया था। वह वहां ट्रक चलाता था। सितंबर 2022 में वापस आया। किसान आंदोलन और लाल किला हिंसा में शामिल रहे दीप सिद्धू की मौत के बाद उसके संगठन वारिस पंजाब दे का अमृतपाल को प्रमुख बना दिया गया।
जरनैल सिंह भिंडरावाला से मिलती-जुलती वेशभूषा पहनकर गांव-गांव जाकर हर संवेदनशील मुद्दे पर उकसाने वाली शैली में अलगाववाद को हवा देते हुए अमृतपाल केवल 'जंग', 'खालिस्तान', 'आजादी', 'कुर्बानी' और 'मरजीवड़े' (आत्मघाती दस्ते) की बातें करता रहा है। कानून को चुनौती देते हुए पुलिस और अदालतों पर निर्भर न होकर पंथ के दोषियों को 'अपने दम पर दंडित' करने का खुलेआम आह्वान भी करता रहा है। अजनाला थाने पर हमले के बाद उसने सीधे कानून को चुनौती दे डाली। लाइसेंस रद होने पर भी समर्थक हथियार लेकर चलते रहे।
अमृतसर एसएसपी सतिंदर सिंह ने बताया कि अमृतसर जिले के खलचियां थाने की पुलिस ने अमृतपाल सिंह के छह साथियों को शनिवार देर रात हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही आठ निहंगों को हिरासत में लिया गया है। आशंका थी कि ये गड़बड़ी फैला सकते हैं।